फर्रुखाबाद: केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई से जांच कराये जाने के भय के कारण अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय की अधिकांस सदस्य सदमे में हैं| जिन्होंने जांच को औचित्यहीन बताते हुए कहा है कि कुछ स्वार्थी लोगों ने A.M.U. की छवि धूमिल करने की साजिश रची है|
A.M.U. कोर्ट के सदस्य नदीम फारुखी ने शीशम बाग छावनी में अनस सिद्दीकी के आवास पर पत्रकारों को बताया कि कोर्ट के सदस्य पूर्व राज्य सभा सदस्य पटियाली निवासी वसीम, खुर्शीद अहमद आदि सदस्यों ने अपने स्वार्थ सिद्ध न होने पर केंद्र सरकार में घुसपैठ कर A.M.U. के वाईस चांसलर पीके अब्दुल अजीज की सीबीआई से जांच कराने की पहल की है|
श्री फारुखी ने जांच को औचित्यहीन बताते हुए कहा कि जांच के बहाने वाईस चांसलर व A.M.U. की छवि धूमिल करने का प्रयास है| यदि जांच में श्री अजीज निर्दोष पाए गए तो उनकी छवि की भरपाई कैसे होगी| पूरे देश के मुसलामानों के जज्बात विश्व विद्यालय से जुड़े हैं|
उन्होंने बताया कि A.M.U. की दो सदस्यी कमेटी की जांच के दौरान करीब एक लाख रुपये की कमी पायी है जो मामूली बात है| सीबीआई जांच होने पर वहाँ पढने के लिए जाने वाले छात्र वाईस चांसलर बनने वाले सदस्य पुनर्विचार कर सकते हैं| A.M.U. के एडमीशन में फर्रुखाबाद शिक्षा में पिछडा जिला घोषित होने के कारण छात्रों को ५ प्रतिशत छूट मिलती थी जिसको खत्म कर दिया गया है| अब पुनः जिले को शिक्षा में पिछडा जिला घोषित कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं|
उन्होंने यूनीवर्सिटी को आज तक अल्पसंख्यक का दर्जा न दिए जाने पर हैरानी व्यक्त की है| वार्ता के दौरान A.M.U. के पूर्व छात्र डॉ मोहम्मद मोहसिन, अनस सिद्दीकी आदि मौजूद रहे|