हरिद्वार: भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंककर सरकार से लड़ाई मोल लेने वाले बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। उनके बेहद करीबी आचार्य बालकृष्ण के ‘फर्जी पासपोर्ट’ का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि अब खुद योग गुरू का भी पासपोर्ट भी शक के घेरे में है। एक अखबार के मुताबिक बाबा रामदेव ने अपना पासपोर्ट बनवाते समय जन्म की तारीख और स्थान के बारे में गलत जानकारी दी थी।
हालांकि अखबार के मुताबिक बाबा ने पासपोर्ट कार्यालय को हलफनामा देकर अपनी भूल स्वीकार की थी। लेकिन बाबा ने नई जानकारियों से जुड़े दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराए। इसके बावजूद न्होंने नया पासपोर्ट हासिल कर लिया। अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि उस समय सरकारी जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में इस खामी का जिक्र किया था, लेकिन इसे दरकिनार कर दिया गया। अब खुफिया ब्यूरो और उत्तर प्रदेश पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि रामदेव की ओर से अपने बारे में दी गई दो अलग-अलग जानकारियों का सच क्या है।
जांच एजेंसियां इस मामले में बरेली स्थित पासपोर्ट कार्यालय और देहरादून के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही बाबा के पासपोर्ट आवेदन की तत्काल कोटे के लिए सिफारिश करने वाले अधिकारी पर भी नजर रखे हुए हैं। अखबार लिखता है कि बाबा रामदेव को पहला पासपोर्ट 31 अगस्त, 1994 (संख्या-आर-626709) बरेली के पासपोर्ट कार्यालय से जारी हुआ। तब रामदेव ने मुजफ्फरनगर के पते से आवेदन किया और अपना जन्म स्थान खतौली, जिला मुजफ्फरनगर बताया था। जन्म तिथि 16-11-1971 बताई गई थी।
2006 में उन्होंने पासपोर्ट कार्यालय में फिर से आवेदन इस बात के हलफनामे के साथ दाखिल किया कि पहले आवेदन में उन्होंने गलती अपनी जन्म तिथि और जन्म स्थान के बारे गलत जानकारी दी थी। इसलिए अब उन्हें नए जन्म स्थान और जन्म तिथि के आधार पर पासपोर्ट दिया जाए। अखबार का दावा है कि इस हलफनामे की प्रति उसके पास है।
इस आवेदन और हलफनामे में उन्होंने अपनी जन्म तिथि 10-1-71 और जन्म स्थान ग्राम सैदअलीपुर जिला महेन्द्रगढ़, हरियाणा बताया। आवेदन में उन्होंने पिता वाले कॉलम में रामनिवास यादव की जगह स्वामी शंकरदेव के नाम का उल्लेख किया। इसके प्रमाण के तौर पर उन्होंने राशन कार्ड और वर्ष 2000 की वोटर लिस्ट की कॉपी लगाई। इन दोनों में ही उनके पिता का नाम स्वामी शंकरदेव दर्ज है जबकि सरकारी जांच रिपोर्ट में उनके पिता का नाम रामनिवास यादव बताया गया है।