लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हुए सीएमओ हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी सफलता मिलने का दावा किया है। यहां से तीन शूटर गिरफ्तार किए गए हैं। इनके नाम आनंद, आरके और विनोद हैं। यूपी पुलिस ने दावा किया है कि इन्हीं तीनों ने सीएमओ की हत्या की थी।
गोमतीनगर स्थित विनीत खंड निवासी सीएमओ (परिवार कल्याण) डॉ. बीपी सिंह की 2 अप्रैल को गोली मार कर हत्या की दी गई थी। वह मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। बाइक सवार हत्यारों ने उन्हें गोली मार दी और वह वहीं ढेर हो गए। पिछले साल अक्टूबर में सीएमओ डा.विनोद आर्या की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
बताया जा रहा है कि इन दोनों ही हत्याओं के पीछे एक डिप्टी सीएमओ का हाथ हो सकता है। डिप्टी सीएमओ ने वित्तीय हेराफेरी की पोल खुलने के डर और ऑफिस के आपसी झगड़े के कारण एक गैंग को सीएमओ की हत्या की सुपारी दी। बताया जाता है कि दोनों की हत्या एक ही गैंग ने की।
सरकार ने दोनों सीएमओ की हत्या के पीछे विभाग की आर्थिक अनियमितताओं को जिम्मेदार बताया था। मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक शेखर सिंह ने कहा था कि डा. बीपी सिंह की हत्या के प्रकरण की जांच के उपरान्त यह तथ्य सामने आये कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के कार्यालय में आपसी झगड़ा तथा गुटबाजी थी।
उन्होंने कहा था कि इस झगड़े के कारण कार्यालय का माहौल ठीक नहीं था, और निजी स्वार्थों के कारण कार्यालय में वैमनस्यता का वातावरण था। सीएमओ हत्याकांड के चलते दो मंत्रियों को अपनी कुर्सी गवानी पड़ी थी।