नाले के अभाव से बरसात में सड़कें कटने का अंदेशा
फर्रुखाबाद: महात्मा गांधी रोजगार योजना का लाखों रुपये जरूरत पड़ने पर खर्च नहीं किया जाता| यदि बरसात से पहले सड़क के किनारे नालों की खुदाई कर दी जाए तो वर्षा के दौरान काफी हद तक तबाही से बचा जा सकता है|
आला अधिकारियों द्वारा कोई दिलचस्पी न लिए जाने के कारण मनरेगा योजना कारगर सिद्ध नहीं हो रही है| कोई अंकुश न होने के कारण प्रधान अपनी मर्जी से ही धन को खर्च कर रहे हैं|
ब्लाक बढपुर ग्राम पंचायत देवरामपुर के प्रधान शैलेन्द्र यादव ने बाईपास ग्राम कुईयाँबूट में मनरेगा से सड़क के किनारे नाले की खुदाई का कार्य पुनः शुरू किया है| जिसमे स्थानीय लोग अडंगा लगा रहे हैं कोई नहीं चाहता है कि उसकी दूकान व मकान के सामने वाली जगह पर नाला खुदे| लोग सड़क के किनारे पड़ी जमीन पर अपनी समझकर उपयोग करते हैं|
प्रधान शैलेन्द्र ने २ फोट गहरे व डेढ़ फिट चौडाई वाले नाले की खुदाई के लिए ७ मजदूरों को लगाया है| उन्होंने बताया कि बीते माह पूर्व नाला खुदवाया गया था| ग्राम पंचायत अधिकारियों की हड़ताल हो जाने के दौरान दबंगों ने नाले को बंद कर दिया| सेक्रेटरी नीरू दीक्षित व लेखपाल प्रवेश तोमर ने सड़क के कटान को रोकने के लिए नाले की खुदाई करवाने को कहा है लेकिन कोई भी मौके पर देखने नहीं आता है कि खुदाई कार्य में क्या परेशानी आ रही है?
बाईपास के किनारे अधिकांस दुकानदारों ने सड़क तक की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है| यदि पूरे नाले को न खुदवाया गया तो भीषण वर्षा के दौरान जलभराव से सड़क क्षतिग्रस्त हो सकती है|