फर्रुखाबाद: पर्यटन व उद्यान के सचिव मनोज कुमार ने सोमवार को जनपद के विभिन्न एतिहासिक स्थलों का दौरा कर पर्यटन विकास की संभावनायें तलाशीं। उन्होंने कंपिल, संकिसा व शाहजी की विश्रांतें भी देखीं। कंपिल में चल रही खुदाई को भी देखा, यहां भूमि की उपलब्धता न होने के कारण विकास कार्यों की संभावनायें कम नजर आयीं।
पर्यटन सचिव ने पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद के प्रमुख स्थ्लों का भ्रमण किया। उन्होंने कंपिल व संकिसा के अतिरिक्त नगर के पास स्थित शाहजी की विश्रांतें व घटियाघाट का भी भ्रमण् किया। इससे पूर्व सचिव मनोज कुमार से कुछ आलू किसानों ने शीतगृहमालिकों की मनमानी की शिकायतें भी कीं। सचिव के आदेश पर दिन भर जिला उद्यान अधिकारी एमसी भारती ने लगभग आधा दर्जन शीतगृहों की खान छानने के बाद अपनी रिपोर्ट दे दी। श्री भारती ने बताया कि अभी शीतगृहों में लगभग ९० प्रतिशत आलू भंडारित है। इस समय लगभग ६०० प्रति कुंतल का औसत भाव चल रहा है। उन्होंने ओवर लोडिंग की शिकायत को गलत बताया।
प्रदेश सरकार के पर्यटन व उद्यान के मुख्य सचिव मनोज कुमार ऐतहासिक नगरी कम्पिल पहुंचे। वह सबसे पहले रामेश्वरनाथ मन्दिर गये। सचिव को मन्दिर व द्रोपदी कुण्ड के इतिहास के बारे में जानकारी दी गयी। इसके बाद वह सीधे खुदाई स्थल पर पहंचे, जहां अभी कुछ दिन पहले महाभारत काल के कुछ अवशेष मिले थे। सचिव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर कार्य जारी रहेगा और इसकी सूचना बराबर पर्यटन विभाग को दी जायेगी। सचिव ने बताया कि मुझे जानकारी हुई थी कि कम्पिल नगरी में खुदाई के दौरान महाभारत काल के कुछ अवशेष मिले हैं। जिस कारण मैं यहां यह जानकारी करने आया हूं कि वास्तव में यह महाभारत कालीन नगरी है। संकिसा में स्थित पर्यटन विभाग के निरीक्षण भवन की घटती आय के विषय में उन्होंने चिंता व्यक्त की।
इतिहास पुरातत्व शोध संसधान के निदेशक डां. रामकृष्ण राजपूत ने मुख्य सचिव को फर्रूखाबाद के इतिहास की जानकारी दी और बताया कि यह जिला अपने आप में गौरव पूर्ण रहा है। यहां की गंगा-जमुनी तहजीब आज भी बरकरार है। उन्होने फतेहगढ़ सेण्ट्रल जेल के सम्बन्ध में भी बताया। उन्होने कहा कि 1957 में यहां पर आजादी की लड़ाई के बाद में 161 लोगो को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसमें आधे हिन्दू व आधे मुस्लिम शामिल थे।
इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कानपुर राजेंद्र कुमार, एडीएम सुशील चन्द्र श्रीवास्तव] एसडीएम सदर अनिल ढींगरा] अपर उपजिलाधिकारी सदर रविंद्र कुमार, उपजिलाधिकारी कायमगंज हरीशंकर आदि मौजूद रहे।