फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) डीएपी (डायमोनियम फ़ॉस्फ़ेट)सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला फ़ॉस्फ़ोरस उर्वरक है| जनपद में आलू की बोआई के लिए किसानों को डीएपी की जरूरत है। लेकिन फिलहाल जनपद में डीएपी का डिब्बा गुल है| साधन सहकारी समिति पर किसान आकर भटक रहा है| किसान खाद के लिए चक्कर लगाते रहे।
जनपद में किसी भी साधन सहकारी समिति पर डीएपी का एक दाना तक नही है| लिहाजा किसान आलू बुआई के लिए डीएपी का इंतजार कर रहा है| बीते दिनों डीएपी की जगह एनपीके एक रैक उपलब्ध करायी गयी थी लेकिन उससे किसानों का भला नही हुआ| आलू की अगैती फसल उर्वरक न मिलने के कारण पिछड़ रही है। अगर निजी दुकानदार डीएपी एमआरपी रेट से अधिक की बिक्री कर रहे हैं | बीते दिनों एनपीके की एक रैक आयी थी लेकिन उससे भला नही हुआ|
जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां वीके अग्रवाल ने जेएनआई को बताया कि डीएपी के लिए दो रैकों की डिमांड भेजी गयी है| लगभग एक सप्ताह का समय डीएपी की रैक नें में लग सकता है| एनपीके की एक रैक जिले में पूर्व में आ चुकी है|