कौन हैं भोले बाबा, जिनके सत्संग में हुआ दर्दनाक हादसा? पढ़ें पूरी खबर

FARRUKHABAD NEWS

हाथरस संवाददाता: यूपी के जनपद हाथरस में दर्दनाक व बड़ा हादसा हुआ, यहां पर एक सत्‍संग के दौरान भगदड़ मच गई. हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के कारण बड़ा हादसा हुआ| हाथरस भगदड़ में 134 लोगों की मौत हो गई है| मरने वालों में ज्‍यादातर महिलाएं और बच्‍चे शामिल हैं| साथ ही इस हादसे में 100 से अधिक श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक, ये आंकड़ें और बढ़ सकते हैं| ऐसे में सवाल उठ रहे है कि आखिर में कौन हैं भोले बाबा, जिनके सत्संग में इतना बड़ा हादसा हुआ है|
कौन हैं संत भोले बाबा?

संत भोले बाबा मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे, लेकिन 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया. उन्होंने बताया कि वे अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहते हैं और उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं. खुद भोले बाबा कहते हैं कि बचपन में वह अपने पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करते थे. जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए. उनकी पोस्टिंग राज्य के दर्जन भर थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही है|
विश्व हरि भोले बाबा को अनुयायी भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं| इनका विवादों से पुराना नाता रहा है| स्थानीय लोगों ने बताया कि कासगंज जिले के पटियाली स्थित बहादुर नगर के रहने वाले साकार विश्व हरि भोले बाबा ने 17 साल पहले पुलिस विभाग से नौकरी छोड़कर सत्संग शुरू किया था| भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में हैं|
तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं सूरजपाल
नारायण साकार विश्व हरि बाबा का असली नाम सूरजपाल जाटव उर्फ एसपी सिंह है। उनकी पत्नी का नाम कटोरी देवी है। सूरजपाल तीन भाइयों में से सबसे बड़े हैं। इनसे छोटे भाई का नाम राम प्रसाद है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। तीसरे नंबर के भाई का नाम राकेश है। वो गांव में रहकर खेती का काम करते हैं। सूरजपाल से बने साकार विश्व हरि बाबा अपने पैतृक गांव में बने आश्रम पर आखिरी बार 23 मई 2023 को नजर आये थे, तबसे वहां नहीं गए। हालांकि आगरा के उनके मकान पर और उनके आश्रम पर हर मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। बाबा के अनुयाई आश्रम पर पहुंचकर अपने आपको को धन्य समझते हैं।
“मेरा कोई गुरु नहीं”
संत भोले बाबा के मुताबिक, मेरा कोई गुरु नहीं है. मुझे ईश्वर से बेहद लगाव हैं. एक बार उनका अहसास हुआ था. उसके बाद मैंने अपनी पूरी जिंदगी मानव कल्याण में लगा दी. संत भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं|
मीडिया से दूरी बनाते हैं
भोले बाबा और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं| भोले बाबा के एक भक्त ने बताया कि उनके जीवन में कोई गुरु नहीं है|वीआरएस लेने के बाद उन्हें अचानक भगवान से साक्षात्कार हुआ और उसी समय से उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया| भगवान की प्रेरणा से उन्होंने जान लिया कि यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है| उनका असली नाम सूरज पाल है| वो कासगंज के रहने वाले हैं|