छह घंटे की जंग के बाद फौज ने पाया भीषण आग पर काबू

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करोड़ों की संपत्ति राख,

फर्रुखाबाद: जनपद मुख्यालय फतेहगढ़ में फायर स्टेशन से बमुश्किल ५०० मीटर की दूरी पर कानपुर मुख्य मार्ग पर एक जूता व्यवसायी के घर व गोदाम में शार्ट सर्किट से लगी भीषण आग के कहर पर लगभग छह घंटे की जद्दोजेहद के बाद काबू  पाया जा सका। गोदाम व घर में रखा सामान, जेवर एवं नगदी समेत करोड़ों रुपये की संपत्ति जल कर राख हो गयी। मामूली शार्ट सर्किट से निकली चिंगारी ने इतनी तेजी से विकराल रूप धारण किया कि दिन का समय होने के बावजूद धरवालों व सामने खड़े पड़ोसियों तक को संभलने का मौका नहीं मिला। आग इतनी विकराल थी कि पड़ोसी जनपद कन्नौज के अतिरिक्त सेना की दमकल भी बुलानी पड़ी।

फतेहगढ़ कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर स्थित जामा मस्जिद के ठीक सामने स्थित साबिर हुसैन का जूते का शोरूम है। उनके यहां रूपानी के अतिरिक्त कई अन्य कंपनियों का भी जूते चप्पल का थोक व फुटकर दोनों का कारोबार है। इसी शोरूम से सटी हुई दुकानों में गोदाम व इसी के पीछे उनका आवास है। कारोबार उनके दोनो पुत्र शाहिद व लाली संभालते हैं। सोमवार प्रात: लगभग छह बजे मस्जिद के पड़ोस की चाय की दुकान पर रोज की तरह लोगों की भीड़ थी। कुछ लोगों ने सामने गोदाम की एक दुकान से धुआं निकलते देखा। उनमें से एक ने जल्दी से सामने ही स्थित साबिर हुसैन के घर पर आवाज देकर इसकी सूचना दी। साबिर हुसैन कहीं बाहर गये हुए थे। उनके बड़े लड़के शाहिद ने बाहर निकल कर देखा और आवाज देकर अपने गूंगे नौकर को गोदाम की चाबी लाकर गोदाम खोलने को कहा। गूंगे ने ताले के पास शटर के नीचे से लपकती लपटों को देखा तो वह पानी लाने के लिये भागा। पानी लाने के दौरान उससे गोदाम की चाबी कहीं गिर गयी। जितनी देर में चाबी ढूंडी जाती उतने समय में तो आग के कारण  पूरे परिसर में धुंआं व रबर जलने की दुर्गंध ने पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। घर के अंदर धुआं भरने लगा तो अंदर औरतों व बच्चों ने चीख पुकार और रोना पीटना शुरू कर दिया। घबराये शाहिद व लाली ने परिजनों को किसी प्रकार पीछे के एक रास्ते से बाहर निकाल कर सामने ही स्थित अपने दूसरे घर में पहुंचाय। लौट के आने तक आग ने पूरी तरह से अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था। शाहिद ने शोरूम का दरवाजा खोलकर गल्ले में पड़े रुपये निकालने का प्रयास किया तो आग के एक जोरदार लूके ने उनको बुरी तरह पीछे घकेल दिया। इस कोशिश में उनका चेहरा भी झुलस गया। इसके बाद उन्होने कुछ भी बचा पाने की लालच को छोड़ दिया, और बाहर खड़े बेवस पड़ोसियों की भीड़ मे हो गये।

आग पर काबू पाने के लिये पड़ोसी जनपद कन्नौज की फायर ब्रिगेड के अतिरिक्त सेना की दमकलों को भी बुलाना पड़ा। लगभग छह घंटों की मशक्कत के बाद भीषण आग पर काबू पाया जा सका।