डकैत ‘कलुआ यादव’ के साथी को तीन पुलिस कर्मियों की हत्या में फांसी की सजा, पढ़ें पूरी कहानी

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) करीब 22 वर्ष पहले राजाराम यादव उर्फ कलुआ यादव के गैंग का आतंक था। उसका यह गैंग पुलिस के लिए काल कहा जाता था। उससे टक्कर लेने में थाना प्रभारी समेत कई पुलिस कर्मी बलिदान हो गए थे। 27 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले डकैत कटरी किंग कलुआ यादव 15 जनवरी 2006 को बरेली में पुलिस ने एक मुठभेड़ में कलुआ को मार गिराया था| शाहजहाँपुर जिले के परौर थाने के पुरनंगला गाँव का निवासी कलुआ यादव, शाहजहाँपुर,एटा, बदायूँ, कन्नौज और फर्रुखाबाद जिलों में आतंक था। उसके साथी बदमाश व इस घटना में नामजद नरेश धीमर को पुलिस मुठभेड़ में फर्रुखाबाद में ही मार गिराया गया था| जिले में 19 वर्ष पहले तीन पुलिस कर्मियों व ग्रामीण की हत्या में डकैत कलुआ के साथी देवेंद्र उर्फ फौजी को विशेष न्यायाधीश एंटी डकैती कृष्ण कुमार ने फांसी की सजा से दंडित किया है। दोषी पर 7.05 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है।
थाना कंपिल के तत्कालीन उपनिरीक्षक आनंद कुमार सिपाहियों, पीएसी जवानों व ग्रामीणों के साथ नौ सितंबर 2005 को डकैत कलुआ की तलाश में कटरी में कॉबिंग करने गए थे। सभी पुलिस कर्मी ग्राम सींगनपुर कटरी से दो नावों पर सवार होकर ग्राम गंडुआ की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान शाहजहांपुर के थाना परौल क्षेत्र के ग्राम पूरननगला निवासी डकैत कलुआ यादव, जलालाबाद गांव चचुआपुर निवासी नरेश धीमर, थाना कलान गांव कारव निवासी विनोद पंडित व छह अज्ञात बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से नाव सवार सिपाही इशरत अली, पीएसी के एचसीपी चंद्रपाल सिंह, दिलीप कुमार व ग्रामीण दृगपाल की मौके पर मौत हो गई। पीएसी जवान कमलेश दीक्षित, सिपाही रमेश बाबू, ओमप्रकाश यादव, राजेश सिंह राठौर, ग्रामीण रामनरेश, श्रीपाल,बदन सिंह यादव घायल हो गए थे। उपनिरीक्षक आनंद कुमार की तहरीर पर नरेश धीमर, कलुआ यादव, विनोद पंडित, जनपद पीलीभीत कोतवाली बीसलपुर गांव परनिया निवासी देवेंद्र कुमार उर्फ फौजी, थाना कंपिल के गांव पुंथर निवासी राम सिंह व छह अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। विवेचक ने सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने गवाह व साक्ष्य के आधार पर बरेली जेल में निरुद्ध देवेंद्र कुमार फौजी को दोषी करार किया था। शुक्रवार को न्यायाधीश ने दोषी देवेंद्र कुमार उर्फ फौजी को वीडियो कॉंन्फ्रेंसिंग कर फांसी की सजा सुनाई। दोषी पर सात लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
तत्कालीन कंपिल थानाध्यक्ष की साल 2003 में हत्या कर चुका था कलुआ
कायमगंज कोतवाली क्षेत्र में 4 मार्च 2001 को गांव अहमदगंज के निकट दस्यु सरगना कलुआ से मोर्चा लेते समय कांस्टेबल शांतिराम बलिदान हुए थे। डकैत उनकी रायफल भी लूट ले गए थे। 26 मार्च 2003 को थाना कंपिल क्षेत्र में कारव की कटरी में कलुआ से मुठभेड़ में तत्कालीन कंपिल थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह, मेरापुर के उपनिरीक्षक उदयवीर सिंह, कंपिल थाने के सिपाही उमेश चंद्र व पीएसी कांस्टेबल सेवाराम यादव बलिदान हुए थे। डकैत उनकी रिवाल्वर, कारबाइन, पिस्टल व राइफल तथा वायरलेस सेट भी लूट ले गए थे। इसमें उपनिरीक्षक विवेक श्रीवास्तव, सिपाही मुन्ना सिंह, सूरज सिंह, मोहर सिंह, रक्षपाल सिंह, पीएसी के साधू राम सहित कुल आठ लोग जख्मी हुए थे।