फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पूर्व में डिबार किये गये अधिवक्ता डॉ.दीपक द्विवेदी को बार नें सदस्यता देनें से इंकार कर दिया| बार एसोसिएशन नें अधिवक्ता को बार की सदस्यता देनें से साफ इंकार कर दिया है |
दरअसल 22 सितंबर 2018 को अधिवक्ता राजीव वाजपेयी नें बार काउसिल उत्तर प्रदेश को एक शिकायत की थी| जिसमे कहा कि 19 सितंबर 2018 को बार एसोसिएशन का चुनाव माडल बायलाज व नियमों के विपरीत कराया गया| जिस पर अनुपम दुबे , संजीब पारिया , विश्राम सिंह यादव , डॉ. दीपक द्विवेदी को कदाचारण का दोषी पाया गया और 10 साल के लिए उनके डिबार कर दिया था | इसके बाद बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के कार्यालय अधीक्षक दीपक चतुर्वेदी द्वारा भेजे गये पत्र के आधार पर एल्डर्स कमेटी द्वारा पारित आदेश 5 सितंबर 2023 निरस्त कर मामले का निस्तारण पुन: गुण-दोष के आधार पर किये जानें के लिए बार काउंसिल अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ द्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को निर्देशित किया गया| जिस पर सुनवाई चल रही थी| 8 जनवरी 2024 सोमबार को बार एसोसिएशन फतेहगढ़ के अध्यक्ष जबाहर सिंह गंगवार व महासचिव नरेश सिंह यादव नें आदेश जारी किया| जिसमे अधिवक्ता डॉ.दीपक द्विवेदी को बार एसोसिएशन का सदस्य ना बनाने और उनके डिबार आदेश को ही प्रभावी माना है| अधिवक्ता दीपक द्विवेदी नें बताया नें बताया कि बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के बार एसोसिएशन का सदस्य बनाने के लिए कहा था| उसके बाद भी उन्हें बार एसोसिएशन का सदस्य नही बनाया गया| लिहाजा वह बार एसोसिएशन के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे|
सीओपी कार्ड बनानें की क्यों की संस्तुति
अधिवक्ता दीपक द्विवेदी नें बताया कि 24 नवंबर 2023 उनका सीओपी कार्ड का सत्यापन होना था| जिसको बार एसोसिएशन महासचिव नरेश यादव द्वारा संस्तुति कर अधिवक्ता माना गया| एक तरफ अधिवक्ता सीओपी कार्ड का सत्यापन महा सचिव कर रहें है वहीं दूसरी तरफ उनको बार सदस्य बनानें से इंकार कर रहें है| बार एसोसिएशन के मानने ना मानने से कोई फर्क नही पड़ता| वह विधि व्यापार के लिए बार काउन्सिल के प्रति जबाब देह है ना की बार एसोसिएशन के|