फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) ठंड के कहर से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन सोमवार से फिर शीतलहर शुरू हो गई। ठंडी के तेवर तीखे हो गए। घने कोहरे और पाले के नें गलन व ठिठुरन को और बढ़ा दिया। जिससे कोहरे की चादर तन गई। बचाव के लिए प्रशासन
की ओर से अलाव के बंदोबस्त जरूर किए गए हैं, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। अधिकांश स्थानों पर लोगों को खुद को कुदरत से लड़ना पड़ रहा है। बेजुबान भी ठंड से हलकान हैं|
गलन व ठिठुरन के चलते लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए। लगातार कोहरे से आलू में झुलसा रोग लगनें की सम्भवना प्रबल हो गयी है| किसान अपनी आलू की फसल में दवा का छिडकाब करते नजर आ रहें है| हालाकि कोहरे पाले से गेहूं को फायदा है। सर्दी की सितम से अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। कड़ाके की ठंडी के चलते रात के तापमान में ज्यादा गिरावट हो जाती है। पारा गिरने से रात गरीबों के लिए भयानक लग रही है। गरीब तबके के लोग किसी तरह रात काट रहे हैं।