फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) शहर के रेलवे रोड़ स्थित पांडेश्वर नाथ मन्दिर में चल रही श्री रामकथा के पांचवें दिन कथा व्यास आचार्य अम्बरीष जी महाराज ने कथा में श्रीराम की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया।
आचार्य नें कहा कि श्रीराम बचपन में बहुत सुंदर लीला करते थे। उन्होने बाल्यकाल में थोड़े ही समय में अपने गुरू से सभी शिक्षा प्राप्त की तथा मानव लीला का पूरी तरह पालन किया। उनके जीवन से हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। श्रीराम ने बाल्यकाल में ही ताड़का, मारीच व सुबाहु जैसे राक्षसों का संहार कर परमगति प्रदान की। कथा में आचार्य ने कहा मनुष्य को अपनी भावना से प्रभु की सेवा करनी चाहिए क्योंकि हमारे सभी सुख साधना अंत समय में यही पर रह जाते हैं केवल प्रभु का नाम ही साथ जाता है।
कथा यजमान अनिल पाठक उनकी पत्नी केसर पाठक रहीं| व्यवस्थापक कोमल पाण्डेय, सतीश प्रकाश दीक्षित , रामबिहारी अग्निहोत्री, आलोक मिश्रा, मनोज दीक्षित , बीडी शर्मा आदि रहे |