फर्रुखाबाद:(शमसाबाद संवाददाता) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर प्रसव पीड़िता के परिजनों ने हंगामा कर दिया। स्टाफ नर्स पर एक हजार रुपये लेने का भी आरोप लगाया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस को जानकारी दी गई। थानाध्यक्ष ने सीएचसी पहुंच कर परिजनों से पूछताछ के बाद प्रसव का रिकार्ड देखा तो पता चला कि दो प्रसव हुए, दोनों की पुत्रियां हुई थी। तब महिला के परिजन शांत हुए।
शमसाबाद थाना क्षेत्र के मोहल्ला बाजार कलां निवासी फिरोज की पत्नी गुलशन के रविवार को प्रसव पीड़ा हुई। पति और सास ने गुलशन को सीएचसी में भर्ती कराया। रात दो बजे गुलशन ने पुत्री को जन्म दिया। सोमवार सुबह गुलशन की सास ने स्टाफ नर्स सुमन से कहा कि रात में बताया था कि गुलशन ने पुत्र को जन्म दिया है, एक हजार रुपये भी लिए थे। सुबह पुत्री दिखाई दी। सास साहेबजादी ने स्टाफ नर्स सुमन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। इससे सीएचसी में भीड़ लग गई। साहेबजादी का स्टाफ नर्स से विवाद होने लगा। स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला के परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हो रहा था। विवाद बढ़ता देखकर पुलिस को जानकारी दी गई। थानाध्यक्ष मनोज कुमार भाटी सीएचसी पहुंचे और साहेबजादी से पूछताछ की। उसने बताया कि रात में बेटा होने की जानकारी देकर स्टाफ नर्स ने उससे एक हजार रुपये लिए थे। सुबह बहू के पास पुत्री दिखाई दी। पुत्र के स्थान पर पुत्री कहा से आ गई। स्टाफ नर्स ने बच्चे को बदल दिया है। एसओ मनोज भाटी ने प्रसव का रिकार्ड देखा तो उसमें रविवार सुबह गांव समसपुर भिखारी निवासी ओमबाबू की पत्नी रेनू के भर्ती होने का उल्लेख था। रेनू ने दोपहर में पुत्री को जन्म दिया था। उसके साथ गुलशन भर्ती हुई थी। जिसने रात दो बजे पुत्री को जन्म दिया। इसके अलावा कोई प्रसव के लिए महिला भर्ती नहीं हुई। गुलशन की सास साहेबजादी जो बच्चों बदलने का आरोप लगा रही थी। वह गलत था। रिकार्ड दिखाने पर परिजनों ने हंगामा बंद किया।
थानाध्यक्ष मनोज कुमार भाटी ने बताया कि गुलशन की सास साहेबजादी ने बच्चा बदलने का गलत आरोप लगया था। रुपये के लेनदेन का विवाद था। स्टाफ नर्स सुमन से एक हजार रुपये वापस दिला दिए गए। स्टाफ नर्स सुमन ने बताया कि हमने किसी से रुपये नहीं मांगे थे। बच्चा होने की खुशी में साहेबजादी ने रुपये दिए थे। उस पर झूठा आरोप लगाया गया।