फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखा। इस दौरान वट वृक्ष की पूजा कर महिलाओं ने अखंड सुहाग की कामना की। सभी ने बरगद के पेड़ कच्चे सूत से 11 बार परिक्रमा व पेड़ पर धागा लपेट कर अपने पति के लंबी आयु की कामना की।
शहर में सैकड़ो स्थानों पर बरगद पेड़ की महिलाएं पूजा अर्चना के लिए पंहुची। यहां पर सुबह से लेकर शाम तक अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। पर्व की महता पर प्रकाश डालते हुए आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल ने बताया कि वट सावित्री पूजा सुहागिनों के अखंड सौभाग्य प्राप्त करने का प्रमाणिक और प्राचीन व्रत है। धर्म ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि व्रत करने से अल्पायु पति भी दीर्घायु हो जाता है। उन्होंने बताया कि जब सत्यवान की आत्मा को यमराज लेने पहुंचे थे, तब उनकी पत्नी सावित्री भी उनके पीछे-पीछे चल पड़ी। यमराज के काफी समझाने के बाद भी जब वह वापस नहीं लौटी, तब विवश होकर यमराज ने सतवाहन के आत्मा का प्रवेश उसके मृत शरीर में करवा दिया। उसी समय सावित्री ने वट सावित्री की पूजा की थी। उन्होंने बताया कि वट वृक्ष की पूजा के पीछे अध्यात्म के अलावा विज्ञान के भी तत्व निहित है। पर्यावरण संतुलन में इस वृक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका है।