फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मंदिरों में मां महागौरी की पूजा के लिए दिन भर श्रद्धालुओं की भीड़ नगर व ग्रामीण अंचलों में रही। नगर स्थित शीतला माता व गुरुगाँव देवी मंदिर में आरती व भोग का वितरण किया गया।
नवरात्र के अष्टमी पर महागौरी के दर्शन के लिए बुधवार को दिन भर नगर व गांव कस्बों के देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं की हुजूम न सिर्फ मां के दरबार में हाजिरी लगाई बल्कि अपनी अरज-गरज भी जगत जननी के दरबार में कही। सौभाग्य, धन संपदा, सौन्दर्य और नारी सुलभ गुणों की अधिष्ठात्री देवी महागौरी हैं। नवरात्र व्रत के इसी रूप की पूजा करते हैं। अठारह गुणों की प्रतीक महागौरी अष्टांग योग की अधिष्ठात्री भी हैं। वह धन्य-धान्य, गृहस्थी, सुख और शांति प्रदात्री हैं। महागौरी इसी का प्रतीक है। भगवान शिव ने काली जी पर गंगा जल छिड़ककर तो वह महागौरी हो गई। महागौरी सृष्टि का आधार है। महागौरी ही अक्षत सुहाग की प्रतीक हैं। देवी के इस रूप की पूजा-अर्चना विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का फल प्रदान करती हैं। नवरात्र के मद्देनजर नगर के प्राचीन बढ़पुर मंदिर, भोलेपुर वैष्णो देवी मन्दिर, फतेहगढ़ के गमा देवी मंदिर सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में लोगों का आना-जाना लगा रहा। ग्रामीण अंचलों में भी भक्तों ने श्रद्धा पूर्वक मां महागौरी की आराधना की।
अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त
आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल के बताया कि 29 मार्च को आप अमृत चौघड़िया में सुबह 6 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 9 मिनट तक कन्या पूजन कर सकते हैं। इसके बाद अमृत चौघड़िया में कन्या पूजन करना उत्तम रहेगा। अमृत चौघड़िया 8 बजकर 9 मिनट से 9 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अष्टमी तिथि में कन्या पूजन 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक किया जाना भी शुभ रहेगा।
नवमी कन्या पूजन मुहूर्त
नवमी तिथि यानी 30 मार्च को चौघड़िया मुहूर्त के अनुसार, सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 7 बजकर 46 मिनट तक कन्या पूजन किया जा सकता है। इसके बाद 10 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 25 मिनट तक कन्या पूजन करना अति उत्तम रहेगा। इस दिन और भी कई शुभ संयोग बने हैं। यदि आप इन दोनों मुहूर्त में कन्या पूजन नहीं कर पाते हैं तो घबराएं नहीं आप पूरे दिन में कभी भी कन्या पूजन कर सकते हैं।