फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल की आड़ में गंगापार क्षेत्र के तीन उपकेंद्रों से हटाने और उनके स्थान पर लगाए गए नए संविदा कर्मचारियों से उपकेंद्र अखाड़ा बन गया है। राजेपुर उपकेंद्र पर ड्यूटी को लेकर नए और पुराने संविदा कर्मचारियों में मारपीट हो गई। इससे उपकेंद्र पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। यह मामला अफसरों तक पहुंच गया है।
जिले में 40 उपकेंद्र हैं। इन सभी उपकेंद्रों पर एसएसओ, उनके सहायक, लाइनमैन और उनके सहायक आउटसोर्स से मैसर्स भारत इंटरप्राइजेज संस्था की ओर से तैनात हैं। संयुक्त संघर्ष समिति के दो दिन के कार्य बहिष्कार और तीन दिन की हड़ताल में संविदा कर्मचारी भी शामिल हुए थे। इससे जिले की बिजली व्यवस्था बेपटरी हो गई थी। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा के प्रबंध निदेशक ने आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने की चेतावनी दी। संस्था ने हड़ताल की आड़ में खेल कर दिया। ग्रामीण खंड के उपखंड राजेपुर क्षेत्र के चार उपकेंद्र में से तीन उपकेंद्र के 13 कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर उनके स्थान पर दूसरे कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया था। यह वह कर्मचारी नियुक्त किए गए थे, जो पूर्व में विभागीय कार्य में लापरवाही के आरोप में हटाए गए थे। हड़ताल समाप्त होने पर ऊर्जामंत्री ने पूर्व में हुई कार्रवाई समाप्त होने का आश्वासन दिया। इससे हटाए गए कर्मचारी खुद पर हुई कार्रवाई को समाप्त मान कर ड्यूटी करने लगे। नए तैनात 13 कर्मचारी भी उपकेंद्र पर ड्यूटी करने जाने लगे। चार्ज को देकर नए और पुराने कर्मचारियों में तनाव शुरू हो गया। 22 मार्च को राजेपुर उपकेंद्र पर नए और पुराने कर्मचारियों में चार्ज को लेकर मारपीट हो गई। इससे उपकेंद्र पूर्व की भांति अखाड़ा बनने लगा है। यह मामला अफसरों के पहुंच गया। एक्सईएन ग्रामीण सुरेंद्र कुमार ने संस्था के मैनेजर नीरज यादव को पत्र लिखकर लगाए गए दागी कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया है। दागी कर्मचारियों को न हटाए जाने से बड़ी घटना घटित हो सकती है। अधीक्षण अभियंता अखिलेश सिंह ने कार्यदायी संस्था को संदिग्ध लोगों को लगाने पर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है।