लखनऊ: प्रदेश में 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल को ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से वार्ता के बाद बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ली है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से वार्ता के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा की।
शैलेंद्र दुबे ने बताया कि वार्ता के दौरान ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के साथ पिछले साल दिसंबर में हुए समझौते को लागू कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही, आंदोलन के दौरान बिजली कर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी, गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई को वापस लेने का भी आश्वासन दिया है। बता दें कि हड़ताल से प्रदेशभर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ाने पर सरकार ने हड़ताली बिजली कर्मियों के विरुद्ध शनिवार को कड़ी कार्रवाई की थी। कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों के क्रम में असंवैधानिक हड़ताल की अगुवाई कर रहे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल 22 नेताओं के विरुद्ध एस्मा (आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। छह नेताओं को निलंबित करने के साथ ही उन्हें लखनऊ के बाहर भेजने के आदेश दिए गए थे।
आजमगढ़ व देवरिया समेत कुछ अन्य स्थानों पर बिजली आपूर्ति को बाधित करने वाले 29 लोगों के विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके अलावा हड़ताल पर गए 1332 संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। शाम छह बजे तक दी गई मोहलत में काम पर न लौटने वाले और कर्मियों की भी सेवाएं समाप्त करने की बात कही गई थी। बिजली कर्मियों की 16 मार्च रात 10 बजे से शुरू हुई हड़ताल से राज्य की लड़खड़ाई बिजली आपूर्ति व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ ही विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।