दुनिया भर में 13 अंक को लेकर कई तरह के मिथक और भ्रम फैले हुए हैं। 13 अंकों से जुड़ी रह चीज को कई लोग पूरी तरह मनहूस मानते हैं। 13 तारीख को अगर शुक्रवार हो तो उसे बिलकुल ही बेकार माना जाता है।
फ्राई डे ऑन 13 को लेकर तो कई लोगों में भय तक फैला हुआ है। लोग इस दिन कोई नया काम शुरू नहीं करते। न ही कोई महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं।
क्या वाकई ये दिन इतना मनहूस है या इसे लेकर सिर्फ वहम फैला हुआ है। आखिर 13 के अक से लोग इतने डरते क्यों हैं? आइए जानते हैं 13 अंक और फ्राई डे ऑन 13 से जुड़े इस भय के कारण को।
मनहूस नहीं शुभ है ये अंक
दुनिया में 13 अंक के लिए भले ही कितने ही भ्रम हों लेकिन अंक शास्त्र और अंक शास्त्र के जानकार इसे बुरा नहीं मानते हैं। अंक ज्योतिष के प्रणेता काउंट लुइर्स होमैन यानी कीरो ने तो इसे बहुत ही शुभ और अच्छा फल देने वाला माना है। कीरो का मानना है कि जो भी 13 अंक को समझ लेगा वो साम्राज्य पा लेगा, उसे सारे साधन सुलभ हो जाते हैं।
क्यों अशुभ माना जाता है अंक 13 को….
केवल दो कारणों से अंक 13 को बुरा माना जाता है। एक तो यह कि ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने से पहले उनके आखिरी भोज में कुल 13 लोग शामिल हुए थे। जिसके बाद कुछ पुराने चर्चों ने अंक 13 को मनहूस करार देकर उसे वर्जित मान लिया। दूसरा प्रमुख कारण है अंक तेरह का प्रतीक। अंक ज्योतिष में अंक तेरह का प्रतीक एक नर कंकाल है जिसके हाथ में हंसिया है। वो इंसानों की फसल को काट रहा है। इसे बुरा संकेत माना गया है।
लेकिन कीरो ने इसका विष्लेषण कुछ अलग तरह से किया है। कीरो ने कहा है कि ये शक्ति का प्रतीक है। जो हर तरह की परेशानी से लड़कर सफलता दिलाता है। लेकिन इस अंक के लोगों को कोई भी काम करने के पीछे उसके इरादे और नीयत दोंनों अच्छे रखने होते हैं, नहीं तो बुरी उद्देश्य को लेकर काम करने वालों को यह अंक मिटा देता है। पूरी तरह बरबाद कर देता है।