अमर सिंह ने अपने टेपों पर चुप्पी तोड़ दी है| उनका कहना है कि उनकी बातचीत की सीडी गलत तरह से तैयार की गयी है| अमर का कहना है कि शीर्ष अदालत का यह फैसला भविष्य में लोगों को निजी बातचीत को वैध या अवैध तरीके से सामने लाने में प्रोत्साहित करेगा| अमर ने कहा कि टेप में मेरी ही आवाज है| लेकिन यह एक साल तक मेरी बातचीत के अलग अलग अंश जोड़कर बनाया गया टेप है| इसके पीछे वे लोग हैं जिनके पास ‘आवाजों के नमूनों का बैंक’ है, जिन्हें सीडी बनाने के लिए अपने हिसाब से जोड़ा तोड़ा गया है|
किसी भी प्रयोगशाला में देख लें मैं अपनी आवाज से नहीं भागूंगा| अमर सिंह ने टैप बातचीत पर रोक के आदेश को वापस लिये जाने पर खुशी जताई| उन्होंने यह भी कहा कि मैं संत नहीं हूं लेकिन शैतान भी नहीं हूं जो मुझे बनाया जा रहा है| अमर ने अदालत के कल के फैसले पर कहा कि टेप बातचीत पर रोक लगाने की मांग मैंने नहीं की थी, अदालत के तत्कालीन चीफ जस्टिस ने अपने विवेक से इसे लागू किया था|