फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बुधवार को जैन समाज नें सम्मेद शिखर आंदोलन के क्रम में सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति व प्रधानमन्त्री आदि को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को सौंपा|
यह विरोध मार्च जैन समाज के पावन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल बनाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाने के खिलाफ निकाला गया था। महावीर के अनुयायियों ने अंहिसा का मार्ग अपनाते हुए झारखंड में जैन तीर्थ सम्मेदशिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध किया। जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में महिलाओं व पुरूषों ने शहर के प्रमुख मार्ग से मौन जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पर ज्ञापन देते हुए केंद्र सरकार को निर्णय वापस लेने के लिए आग्रह भी किया।
सम्मेद शिखर पर्यटन स्थल मामला
बता दें कि झारखंड में स्थित जैन समाज के प्रसिद्ध और प्रमुख तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी को देश की पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल करने का पूरे देश में जैन समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है। दरअसल, तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर जी जैन समाज का सबसे महत्त्वपूर्ण आस्था का स्थल है। बताया जा रहा है कि इसी क्षेत्र से 20 तीर्थंकरो ने मोक्ष प्राप्त किया है। जैन समुदाय सहित अन्य समाज की आस्था भी इस क्षेत्र से जुड़ी हैं। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां भक्ति व धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए परिवार व समाज जनों सहित पहुंचते हैं।
बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
यदि इस पवित्र तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाया जाता है तो यह पूरे देश के समाज की आस्था पर असर पड़ेगा। समाज के लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल पर लोग भक्ति के लिए नहीं, बल्कि मनोरंजन के लिए जाते हैं और तीर्थ क्षेत्र पर सिर्फ पूजन की भावना रहती है। विरोध जताने वाले लोगों ने यह भी बताया कि अभी शांतिपूर्ण तरीके से किये गए इस विरोध के बाद यदि उनकी मांग नही मानी गई तो बहुत बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदीप जैन,राहुल जैन के साथ ही नेमीनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर कमेटी, महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर कमेटी आदि शामिल हुए|
इस दौरान जैन समाज के