डेस्क: दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण के बाद अब आठ नवंबर को देव दीपावली के दिन ग्रहण लग रहा है। ग्रहण काल से आठ घंटे पहले सूतक काल शुरू होगा और मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। ग्रहण के अनुसार जरूरी उपाय भी करने होंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण भारत में थोड़े समय के लिए ही दिखेगा। भारत के साथ ही यह ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व , उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया सहित कई देशों में दिखेगा। ग्रहण से पहले तुलसी के पत्ते को खाने की वस्तुओं में रख दें।
ऐसा करने से भोजन पर भी ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है। ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के बीज मंत्र भगवान विष्णु, गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है। ग्रहण काल में गर्भवतियां अपने पास कुश और गंगा जल रखे और मंत्रों का जाप मन में करे। भगवान की प्रतिमा का स्पर्श न करें। दीपावली की रात को एवं ग्रहणकाल को मंत्र साधना, तंत्र साधना सिद्धि के लिए के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। इस समय मंत्र साधना, तंत्र साधना जल्द सफल होती है। आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को दिन 2 :39 से शाम 6:19 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। सूर्य ग्रहण के शुभ प्रभाव हेतु सूर्य को जल चढ़ाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें। सूतक काल आठ घंटे पहले शुरू होगा।
ग्रहण में राशि के अनुसार करें उपाय
मेष राशि- गरीबों को कंबल और ऊनी वस्त्रों का दान करें।
वृषभ राशि- शिव चालीसा का पाठ करें और तिल व गुड़ का दान करें।
मिथुन राशि- घी, शहद, तिल, गुड़ का दान करें। ये आपके लिए लाभदायक रहेगा।
कर्क राशि- गुड़ और शहद का दान करें इससे लाभ मिलेगा।
कन्या राशि-के जातकों को सफेद तिल, गुड़, दूध और गेहूं का दान करें|
तुला राशि- किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करें और गरीबों को ऊनी कपड़ों व गेहूं का दान करें।
वृश्चिक राशि ग्रहण के बाद गुड़ ,तिल और अनाज का दान करें इससे घर में सुख समृद्धि आएगी।
कुंभ राशि-शहद, गुड़ और तिल का दान करें।
मीन राशि-ग्रहण के बाद चीटियों को पंजीरी और गाय को हरा चारा खिलाएं, अवश्य लाभ होगा।