डीएम के आदेश पर जांच शुरू
फर्रुखाबादः भूमि संरक्षण के नाम पर विभागीय बजट और नरेगा से मिले लाखों रुपये की धनराशि केवल कागजों पर ही खर्च हो गयी और जमीन पर काम नदारद है। इस आशय की शिकायत प्राप्त होने पर जिलाधिकारी रिग्जन सैम्फेल ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच के आदेश कर दिये हैं। जनपद शाहजहांपुर के तकनीकी सहायक सिकंदर राम किसी प्रकरा जुगाड़ कर जनपद फर्रखाबाद के भूमि संरक्षण अधिकारी पद के चार्ज के आदेश करा लाये थे। समय कम था सो हिसाब बराबर करने की जल्दी में सिकंदर राम ने जाते जाते मार्च के महीने में लाखों रुपये की धनराशि आहरित कर लंबा घोटाला कर डाला। पैसा खर्च हो गया परंतु जमीन पर काम नदारद।
शिकायती पत्र के अनुसार ग्रमा राजेपुर टप्पामंडल, भरेपुर, बहोरिकपुर, महोई, खूंटा देव, हब्बापुर, कोठी, रैसेपुर, ज्योना ताजपुर, नकटपुर, जलालपुर, रामपुर मांझगांव, चौंसपुर, चिरपुरा, सावासी, आंतर, कड़क्का, बिरसिंहपुर, अमैयापुर, रतनपुर आदि ग्रामों में कार्य कराये जाने के लिये लाखों रूपये की धनराशि निकाल ली गयी है, जबिक वास्तव में काम हुआ ही नहीं है। विदत है कि पूर्व भूमि संरक्षण अधिकारी केपी सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद हुए रिक्त हुए पद पर सिकंदर राम को चार्ज दिया गया था। सिकंदर राम की मूल तैनाती शाहजाहांपुर जनपद में तकनीकी सहायक के पद पर है। पहले उनको यहां संबद्ध किया गया बाद में विभागीय निदेशक ने उनको ही चार्ज के आदेश कर दिये।
सिकंदर राम को मालूम था कि उनको मई जून तक चले जाना है परंतु कुछ उलटफेर ऐसा हुआ कि उनको अप्रैल में ही वापस मूल तैनाती पर भेज दिया गया। उनके अचानक स्थानांतरण के कारण कुछ फाइलों का पेट भर नहीं पाया और मामला सामने आ गया। मुख्य विकास अधिकारी ने वर्तमान में प्रभारी भूमि संरक्षण अधिकारी\जिला कृषि अधिकारी एके सचान से इस संबंध में पत्रावलियां तलब कर ली हैं। भूमि संरक्षण विभाग के सूत्र भी घोटाले की पुष्टि कर रहे हैं।