डेस्क:अगले वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022-23 में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 80 लाख गरीबों को पक्का घर मिलेगा। सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त इन पक्का मकानों के लिए सरकार ने बजट में 48,000 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को किफायती आवास मुहैया कराने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम करने का फैसला किया है,ताकि इस योजना के लिए भूमि अधिग्रहण और निर्माण संबंधी मंजूरी मिलने के लिए लगने वाले समय को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता लागत में कमी लाने और आसानी से पूंजी जुटाने के लिए सरकार ने वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ काम करने का फैसला किया है।वित्त मंत्री ने कहा कि बेहतर भूमि रिकार्ड प्रबंधन के लिए राज्यों को यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूएलपीआइएन) को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे डिजिटल तरीके से रिकार्ड को सुरक्षित रखा जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अनुसूची आठ की किसी भी भाषा में भूमि रिकार्ड रखने की सुविधा शुरू की जाएगी।