फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कल से शुरू हो रहे आठ दिवसीय शारदीय नवरात्र को लेकर बाजार सज चुके हैं। माता के शृंगार से लेकर पूजा का सामान और कपड़ों की दुकान पर ग्राहकों ने खरीदारी शुरू कर दी है। इस बार नवरात्र पर विशेष पूजा की थाली और पूजा पैकेट ग्राहकों की पसंद बने हैं। ग्राहकों की डिमांड और बाजार में चहल-पहल को देखते हुए दुकानदारों को त्योहारी सीजन में अच्छे कारोबार की उम्मीद है।
नगर के बढ़पुर शीतला देवी मन्दिर, भोलेपुर वैष्णो देवी मन्दिर, जेएनबी रोड़ स्थित गमादेवी मन्दिर, शहर के गुरुगाँव देवी मन्दिर, रेलवे रोड़ स्थित मठिया देवी मन्दिर पूरी तरह माता के स्वागत के लिए दुल्हन की तरह सजकर तैयार है| वहीं देवी मंदिरों के निकट पूजा सामग्री की दुकानें भी खूब सजी है| नवरात्र के साथ ही इस महीने दशहरा, करवाचौथ और अगले महीने धनतेरस, दीपावली और विवाह का सीजन भी है। इसे देखते हुए दुकानदार तैयारियों में जुट गए हैं। फिलहाल नवरात्र की बात करें तो पूजा की दुकानों में माता की चुनरी, प्रसाद, गंगाजल, गोला, कलश, थाली, धूप, कपूर, रोली, चंदन युक्त विशेष पूजा की थाली सभी की पसंद बनी है। कि नवरात्र से लेकर दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों की मांग आ रही है। लोग छोटी मूर्तियां खरीद रहे हैं। गुरुवार से घर-घर माता रानी की पूजा होगी और लोग परिवार के सुख व निरोगी होने की कामना करेंगे। जगह-जगह कथा व पूजन का आयोजन होगा। वहीं बाजार में भी पूजन सामग्री लेने को लोग जुट रहे हैं। मंदिरों में परिसर के बाहरी भाग को रंगीन झालरों से सजाया जा रहा है जबकि अंदर के भाग में रंगरोगन के बाद चमकीली झालर से सजावट जारी है।
अंतिम रूप दे रहे मूर्तिकार
नवरात्र शुरू होने में अब एक दिन का समय रह गया है। इसे देखते हुए मूर्तिकारों ने मातारानी की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। शहर में लगभग आधा सैकड़ा स्थानों पर मातारानी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मिशन अस्पताल के निकट कारीगर शाम तक मूर्तियों में रंग रोगन करते देखे गये| मूर्तिकारों ने बताया है कि पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना संक्रमण के कारण प्रतिमा बनाने में लगने वाली सामग्री महंगी होने के कारण उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल प्रतिमाओं के ऑर्डर ज्यादा मिले हैं। मूर्तिकारों का कहना है कि समय पर शुभ मुहूर्त में स्थापना के लिए प्रतिमाएं देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। कारीगर दिन रात प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का कार्य कर रहे हैं।