फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाली भैया दूज पर्व सोमवार को प्रेम और सद्भावना के साथ मनाया जा रहा है। भाइयों ने मुहुर्त के अनुसार सुबह 07.07 बजे के बाद भाइयों को तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। टीका लगाने का यह सिलसिला आज दिन-भर जारी रहा। भाइयों ने बहनों से टीका लगवाने के बाद उन्हें शगुन के तौर पर उपहार भी दिए।
भैया दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। माना जाता है कि यम द्वितीया के दिन भाई के मस्तक पर टीका लगाने से भाई यमराज के प्रकोप से बच जाता है और मृत्यु के पश्चात उसे स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। भैया दूज पर शहर में रौनक भी रही। हलवाइयों और गिफ्ट हाउस की दुकानों में लोगों की अच्छी खासी भीड़ रही।
रविवार को मौसम खराब होने की वजह से कई लोग खरीददारी नहीं कर पाए थे। सुबह से ही भाई बहनों से तिलक लगवाने की तैयारी कर रहे थे। बहनें भी सज-संवर कर त्योहार मनाने में पीछे नहीं थीं। कई भाई बहनों के घर पहुंचे तो कई बहनों ने भाइयों के घरों में जाकर तिलक लगाया। बहनों ने मिठाइयां, स्वादिष्ट पकवान आदि खिलाकर भाइयों का सत्कार किया। भाइयों ने भी बहनों को मनपसंद उपहार व नकदी देकर उनके प्रति अपने स्नेह को प्रकट किया।
आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल नें बताया कि भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्यौहार है। सनातन धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई-बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा त्योहार भाई दूज का होता है भाई दूज को भाऊ बीज, टिक्का, यम द्वितीय और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, इसमें बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं।