लखनऊ: उल्लास के पर्व दीपावली का रंग धीरे-धीरे बाजारों में नजर आने लगा है। एक ओर जहां पर्यावरण अनुकूल दीपावली मनाने के लिए गोबर से बने दीपक जलाने की तैयारियां हो रही हैं तो इस साल पूजन के तीन मुहूर्त धनवर्षा का योग लेकर आया है। आचार्य अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि इस बार दीपावली 14 नवंबर को पड़ेगी। मां लक्ष्मी की कृपा के तीन मुहूर्त हैं जिसमे पूजन करने से धनवर्षा होगी।
व्यापारिक प्रतिष्ठानों, घर और निशा पूजन के लिए अलग-अलग मुहूर्त हैं। सबसे शुभ मुहूर्त स्थिर वृष लग्न में शाम 5:16 बजे से 7:13 बजे के बीच है जिसमे पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 14 नवंबर शनिवार को दोपहर 1:49 बजे तक चतुर्दशी रहेगी। उसके बाद से अमावस्या लग जाएगी जो कि अगले दिन सुबह 11:27 बजे तक रहेगी। दीपावली के दिन के लक्ष्मी-गणेश और कुबेर के पूजन के लिए शाम को स्थिर वृष लग्न में 5:16 बजे से रात 7:13 बजे तक दीपावली पूजा का सबसे शुभ मूहूर्त रहेगा। इसी लग्न में घरों में गृहस्थों और प्रतिष्ठानों में व्यापारियों का पूजन करना उत्तम रहेगा। इसके अलावा दोपहर में 12:37 से 2:09 बजे तक स्थिर कुंभ लग्न में भी पूजन किया जा सकेगा। देर रात स्थिर सिंह लग्न में भी महानिशा पूजन मुहूर्त मिलेगा। देर रात 11:44 बजे से 1:58 बजे तक महालक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं। शाम को गोधूलि बेला (सूर्यास्त से 24 मिनट पहले और बाद तक) भी पूजन कर सकते हैं।
रोशन करें घर, विचरण करती हैं मां लक्ष्मी
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि दीपावली के दिन चंद्रमा-सूर्य के योग के चलते महालक्ष्मी रात्रि में विचरण करने पृथ्वी पर आती है। पूजन, आराधना वाले घर-घर में विचरण करती हैं। उन्हें जिस घर या प्रतिष्ठान में सफाई, स्वच्छता, दीपमाला, दीपमालिका और सुगंधियां (उत्तम महक) मिलती हैं, वह वहीं निवास कर लेती हैं। इसलिए इस दिन घर को रोशनी और सुगंधियों से पूर्ण करना चाहिए। स्नान दान की अमावस्या 15 नवंबर को हाेगी।
दीपावली पर पूजन के उत्तम मुहूर्त
- दोपहर में 12:37 बजे से 2:09 बजे तक
- शाम को 5:16 बजे से 7:13 बजे तक
- रात में 11:44 बजे से 1:58 बजे तक