लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना लाॅकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के बाॅर्डर पर पैदल आ रहे मजदूरों और कर्मकारों के लिए मानवीय आधार पर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव परिवहन और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को निर्देशित किया है कि मानवीय आधार पर ऐसे व्यक्तियों के लिए भोजन व पानी की व्यवस्था की जाए और स्वास्थ्य संबंधी पूरी सावधानी बरतते हुए इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आश्वस्त किया कि बिहार राज्य जाने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और इन व्यक्तियों को सुरक्षित उनके गन्तव्य स्थल तक भेजा जाएगा। उन्होंने उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को भी आश्वस्त किया कि उत्तराखंड निवासी सभी लोगों के भोजन व संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाॅकडाउन को ध्यान में रखते हुए हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता कर हरियाणा में उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए उनके प्रदेश में यथा स्थान ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। सीएम योदी ने यह भी निर्देश दिए कि वाराणसी सहित प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थानों पर फंसे अन्य राज्यों यथा गुजरात आदि के तीर्थ यात्रियों के लिए भी भोजन व सुरक्षा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
दैनिक काम कर पेट पालने वालों को चिह्नित करेगी समिति
शहरों में दैनिक रूप से काम कर पेट पालने वालों को अब नगरीय निकाय और जिला प्रशासन की संयुक्त समिति चिह्नित करेगी। इसमें वे लोग शामिल किए जाएंगे, जिनकी रोजी-रोटी लॉकडाउन से प्रभावित हुई है। इसके लिए संबंधित यूनियनों की भी मदद ली जाएगी। ऐसे लाभार्थियों की सूची को जिलाधिकारी अनुमोदित करेंगे। नगरीय निकायों में पहले से चिह्नित लोगों की सूची भी डीएम को जल्द भेजी जाएगी, जिससे पात्रों को सरकार की ओर से भरण-भोषण धनराशि मिल सके। प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार ने गुरुवार को इसके निर्देश जारी कर दिए।
पूर्व में चिह्नित स्ट्रीट वेंडरों की सूची का सहारा
दरअसल, लॉकडाउन के कारण शहरों में सर्वे फार्म भरना मुश्किल हो गया है। इस कारण लाभार्थियों को चिह्नित करने में कठिनाई हो रही है। प्रमुख सचिव ने कहा कि पूर्व में चिह्नित स्ट्रीट वेंडरों की सूची का सहारा लिया जाए। साथ ही दैनिक व्यवसाय करने वाले जैसे रिक्शा, तांगा, टैंपो, ई-रिक्शा वालों को निकायों द्वारा दिए जाने वाले लाइसेंस या पंजीकरण को आधार बनाया जाए। निर्माण कार्य के श्रमिकों के लिए श्रम विभाग अलग से सूची तैयार कर रहा है।
यूनियन की भी मदद ली जाएगी
प्रमुख सचिव ने कहा कि शहरों में काम करने वाले ऐसे काफी संख्या में लोग हैं, जिनका पंजीकरण नहीं है। ऐसे लोगों को चिह्नित करने के लिए निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त समिति बनाई जाएगी। शहरों में जिनके पास अपने परिवार के भरण-पोषण की सुविधा नहीं है, उनको चिह्नित करने के लिए संयुक्त समिति पात्रों को चिह्नित कर मंजूरी के लिए इसकी सूची डीएम को भेजेगी। उन्होंने इस काम में रिक्शा चालक संघ, व्यापार मंडल, साप्ताहिक बाजार संघ और यूनियनों की मदद लेने के निर्देश दिए हैं। सूची बनाने में आधार नंबर का सहारा लिया जाएगा। सूची बनाने के लिए आवेदन पत्र वितरित नहीं किए जाएंगे। साथ ही ऐसी कोई अन्य गतिविधियां नहीं की जाएंगी, जिससे अनावश्यक रूप से आमजन को इसके लिए बाहर निकलना पड़े या किसी कार्यालय में आना पड़े।