फर्रुखाबाद: लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही संपन्न हो गया। महापर्व के अंतिम दिन छठव्रतियों ने उगते सूरज को अर्घ्य देकर अपना व्रत सम्पूर्ण किया। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती और श्रद्धालु पांचाल घाट की ओर कूच करने लगे थे। सुबह की पहली किरण निकलने से पूर्व ही पांचाल घाट पर छठ व्रतियों की भारी संख्या उमड़ पड़ी थी। सूर्य की लालिमा नजर आते ही छठव्रती स्नान के उपरांत भगवान भास्कर को अर्घ्य देने लगे। इसके बाद छठव्रतियों ने हवन किया। तदुपरांत प्रसाद, शरबत व जल ग्रहण कर 36 घंटों का उपवास तोड़ा गया। मध्य रात्रि में छठ गीत ‘कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय..’ की गूंज रही।
सुबह-सवेरे उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत खोला। इसके साथ ही श्रद्धा व भक्तिभाव के साथ पूजा-अर्चना भी की गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में ठेकुआ का वितरण हुआ।
पूर्वांचल विकास समिति के उपाध्यक्ष अतुल शर्मा, पूनम शर्मा, उर्मिला शर्मा, रोली शर्मा, किरन पाण्डेय, अजीत भठ, डॉ० अरुण पाण्डेय, डॉ० शमीम अहमद, केदार शाह, हरेन्द्र दुबे, अभिषेक शर्मा, आयुष शर्मा आदि रहे|