विश्व किडनी दिवस: …अपनी किडनी का रखें ख्याल

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जयपुर||  नियमित उच्च रक्तचाप, खाने में अधिक पोटैशियम, प्रोटीन व कैल्शियम की मात्रा कम उम्र में किडनी को बीमार कर रही है। हर साल देश में 90 हजार लोगों को गुर्दा प्रत्यारोपण की जरुरत होती है, जिनमें से केवल दो प्रतिशत लोगों को ही गुर्दा मिल पाता है। चिकित्सक के अनुसार मोटापा व मधुमेह पर नियंत्रण व संतुलित आहार से गुर्दे को बचाया जा सकता है। जिसके लिए हर छह माह में खून व पेशाब की एक बार साधारण जांच करानी चाहिए।
एसएमएस अस्पताल के अक्षीक्षक डॉ.एल.सी.शर्मा ने बताया कि गुर्दे की बीमारी से पीडि़त 50 फीसदी व्यक्ति हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते है।

हाइपरटेंशन, डायबिटिज, ब्लड में कोलेस्ट्राल सेवल का ज्यादा होना, तंबाकू का सेवन, मोटापा एवं लाइफस्टाइल की वजह से गुर्दे की बीमारी में हार्ट डिजीज का खतरा 50 गुना अधिक हो जाता है। देश में हर साल 40 फीसदी से अधिक लोगों में मधुमेह के कारण किडनी खराब की शिकायत है।

डोनर नहीं होने के कारण दो प्रतिशत लोग डायलिसिस पर रहते हुए ही मर जाते है। जिस व्.क्ति के दिल की बीमारी नहीं है, वे एक किडनी देकर दूसरे की जान को बचा सकते है। इससे दान देने वाला व्यक्ति एक किडनी के सहारे भी स्वस्थ जीवन जी सकता गहै।

फैक्ट फाइल: 90 हजार मरीजों को हर साल गुर्दा प्रत्यारोपण की जरुरत
1.5 लाख मरीज डायलिसिस पर
2 प्रतिशत डोनर के अभाव में मत के मुंह में चले जाते है।