फर्रुखाबाद: “इससे पहले भी जो गद्दी नशीं था, उसे भी खुदा होने का उतना ही यकीं था” ये शेर सपा कार्यकर्ताओ के मुख मंडल से उस वक़्त निकला जब वो सुबह सुबह मुख्यमंत्री मायावती का पुतला फूक सेंट्रल जेल में ही सभा कर रहे थे| फतेहगढ़ की सेंट्रेल जेल में 3 दिन से सपा कार्यकर्ता गुरूवार को अपनी रिहाई का इन्तजार कर रहे थे| सुबह सुबह ही उत्साही कार्यकर्ताओ ने जेल में मायावती का पुतला फूक डाला| जेल कर्मियों के बिना प्रतिरोध के पुतले को लगभग आधा घंटे सामने रख सपाइयों ने भड़ास निकाली उसके बाद इत्मिनान से पुतला फूका| पूर्व विधायक जमालुदीन सिद्दकी, चन्नू यादव, मुन्ना यादव, तरीक सेठ, घनश्याम, जीतेन्द्र यादव और प्रदीप यादव ‘टीटू’ ने बसपा सरकार के खिलाफ बोलते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत आजादी के बाद सबसे दयनीय हो चुकी है और भ्रष्टाचार चरम पर है| सरकारी मशीनरी बसपा की एजेंट बन गयी है| गरीबो की सुनने वाला कोई नहीं है| सपा के आन्दोलन को मायावती ने कुचलने का प्रयास किया नो नाकाम रहा|
सभा के बाद जिला जेल और केंद्रीय कारागार में बंद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठ गए| खबर है एक आईजी द्वारा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता को गिरा कर पीटने और उसका मुह जूतों से कुचलने के विरोध में पूरे प्रदेश में जेलों में बंद सपाइयों ने भूख हड़ताल कर दी है|