फर्रुखाबाद: भ्रष्टाचार रोकने के लिए पॉइंट ऑफ़ सेल मशीन की खरीद में ही भ्रष्टाचार का घुन लगा हुआ है| उत्तर प्रदेश में oasys कम्पनी को भी खाद्य एवं वितरण विभाग ने पॉइंट ऑफ़ सेल मशीन आपूर्ति, कोटेदार को प्रशिक्षण देने और विधिवत रूप से व्यवस्था को चालू करने के लिए ठेका दिया था| मगर ये मशीन 6 महीने में ही दगा देने लगी है| सबसे ज्यादा शिकायत मशीन की बैटरी ख़राब होने की है जिसकी शिकायत करने पर कोटेदार से भारी पैसा लेकर बैटरी बेचीं जा रही है जबकि मशीन अभी भी गारंटी में है| आदत से मजबूर इस विभाग में एक भ्रष्टाचार रोकने के लिए नया भ्रष्टाचार होने की सम्भावना बढ़ गयी है|
जनपद के 600 से ज्यादा कोटेदारो में से आये दिन किसी न किसी की मशीन ख़राब रहती है| ज्यादातर बैटरी की समस्या के चलते राशन वितरण में कोटेदार एक नयी परेशानी झेलता है| मशीन की समस्या हल करने के लिए वैसे तो टोल फ्री नंबर है और कंपनी ने अपने इंजिनियर तैनात कर रखे है मगर 6 महीने में ही चाइना मेड मशीन की हालत ख़राब होने लगी है तो गारंटी निकल जाने के बाद कोटेदार एक नयी समस्या से झुझेगा| अभी भी मशीन की बैटरी ख़राब होने की दशा में कोटेदार को लगभग 2000 रुपये की बैटरी भुगतान करने पर मिलती है| कंपनी के इंजिनियर ने नाम न छापने की शर्त पर जेएनआई को बताया कि ये बात ठीक है कि oasys मशीन की गुणवत्ता ठीक नहीं है आये दिन हैंग हो जाना, बैटरी ख़राब हो जाना जैसी समस्या लगातार बनी हुई है| बैटरी भी गारंटी समय में भी कोटेदार को बेचने के लिए भेजी गयी है, हम लोग मजबूर है| कंपनी का प्रदेश के अफसरों से किन शर्तो पर सौदा हुआ है ये तो पता नहीं मगर प्रदेश स्तर के अफसर कंपनी को दोष देने की जगह जिला स्तर के अफसरों और कोटेदारो की नकेल कसते रहते है| इससे शक होता है कि करोडो रुपये की पॉइंट ऑफ़ सेल मशीन की खरीद प्रणाली में कहीं न कहीं भारी कमीशनखोरी हुई है|