लखनऊ: समाजवादी पार्टी शासनकाल में हुए करोड़ों के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपित तीन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की है। ईडी ने इंजीनियरों की एक करोड़ की संपत्ति अटैच की है। आरोपित इंजीनियरों ने ठेकेदारों से हुई काली कमाई से भूखंड व फ्लैट खरीदे थे।
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में 19 जून, 2017 को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर गुलेश चंद (अब सेवानिवृत्त) सहित आठ अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद में सीबीआइ ने इस घोटाले का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। ईडी ने फरवरी 2018 में रिवरफ्रंट घोटाले के मामले में मनीलांड्रिंग का केस दर्ज कर अपनी पड़ताल शुरू की थी।
ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह के निर्देश पर गुरुवार को आरोपित इंजीनियर रूप सिंह यादव, अनिल यादव व एसएन शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की। बताया गया कि रूप सिंह यादव का नोएडा स्थित भूखंड, अनिल यादव के लखनऊ स्थित तीन भूखंड व एसएन शर्मा का गाजियाबाद स्थित फ्लैट अटैच किया गया है। ईडी ने बीते दिनों आरोपित इंजीनियरों को तलब कर उनसे पूछताछ की थी। रिवर फ्रंट के निर्माण काम से जुड़े कई ठेकेदारों से भी गहनता से पूछताछ की गई थी।
ईडी ने जनवरी माह में आरोपितों के लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद समेत नौ ठिकानों में छापेमारी भी की थी और अहम सुबूत जुटाये थे। सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त इंजीनियर रूप सिंह यादव के नोएडा स्थित आवास में भी छानबीन की गई थी। ठेकेदारों व इंजीनियरों के ठिकानों से बैंकों से जुड़े कई दस्तावेज भी मिले थे। सूत्रों का कहना है कि आरोपित इंजीनियरों व ठेकेदारों के बैंक खातों की पड़ताल में ईडी के हाथ अहम साक्ष्य लगे थे, जिनके आधार पर जांच एजेंसी ने आगे कदम बढ़ाये। आरोपित इंजीनियरों ने पत्नी व करीब रिश्तेदारों के नाम पर कई संपत्तियां जुटा रखी थीं।