फर्रुखाबाद: सार्वजानिक राशन वितरण प्रणाली में आधार आधारित मशीन से वितरण के कारण कालाबाजारी पर काफी हद तक अंकुश लगा है मगर अभी भी जिले में लगभग एक सैकड़ा से अधिक कोटेदार ऐसे है जो किसी भी नियम कानून को नहीं मानते|इन्ही सब पर शिकंजा कसने के लिए आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग ने नया फरमान जारी किया है|अब प्रोक्सी प्रणाली (बिना आधार प्रमाणित किये)
राशन वितरण में इस्तेमाल होने वाली कभी ई-पाश मशीन की गड़बड़ी से लेकर सर्वर डाउन होने का बहाना तो कभी ग्राहक की अंगुली की छाप प्रमाणित होने का बहाना| कुछ न कुछ गणित निकली जा रही है| यही कारण है की जिले के लगभग 50 से ऊपर के कोटेदार तो 75 प्रतिशत वितरण बिना आधार परमिट किये ही राशन बाटना दिखा रहे है| इन्ही सब पर शिकंजा कसने के लिए आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग ने नया फरमान जारी किया है|मजबूरी के कारण जिन ग्राहकों को बिना आधार राशन देना भी है तो एक अफसर की मौजूदगी में ही राशन वितरण हो सकेगा| इस माह 21 जून से 25 जून के मध्य पहले से तय समय में ही ग्राहकों को प्रोक्सी के माध्यम से राशन वितरण होगा| वैसे मशीन से वे कभी भी ले सकते है| एक अफसर एक दिन में 5 दुकानों पर वितरण अपने समाख कराएगा और उसकी फोटो आयुक्त को भेजेगा| जिला पूर्ति अधिकारी ऐसी कम से कम 10 दुकानों का दिन में निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजेंगे| यानि कुल मिलाकर राशन वितरण में भ्रष्टाचार कम करने के लिए जितना शिकंजा उत्तर प्रदेश में कसना पड़ रहा है शायद ही किसी राज्य में ऐसा हो रहा होगा|
बाकी सब तो ठीक है मगर फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के गोदाम से राज्य भण्डारण निगम के गोदामों से कम वजन का राशन वितरण एक रोना अभी भी बना हुआ है| गोदाम से कोटेदार को अभी भी प्रति बोरा 2 से 7 किलो तक राशन कम मिलता है और उसके बाद वो ग्राहकों को इसके एवज में दुगना वजन कम करके देता है| खेल अभी बंद नहीं हुआ है| हाँ 100% की लूट अब 10 से 15 प्रतिशत पर आ टिकी है|