फर्रुखाबाद: कई बार बात एक ही होती है उसे देखने का नजरिया अलग अलग होता है| पत्तल में परोसे गए व्यंजन को चाहे खुशियों का दावत समझिये या मौत के बाद होने बाला ब्रह्म भोज नजरिया देखने वाले का होता है| लोकसभा पहुचने की चाहत में नेताओ ने जनता तक बात पहुचाने का हर माध्यम अपनाने का तरीका अपनाना शुरू किया है| सोशल मीडिया के दोतरफा फायर में तीर निशाने पर लगेगा या खुद फायर करने वाले को घायल कर देगा ये बड़ा महत्वपूर्ण है|
अब उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद के गठबंधन प्रत्याशी मनोज अग्रवाल को ही लीजिये| उनके समर्थको ने फेसबुक पर एक पोस्ट
डाली कि अगर किसी को कोई समस्या है तो अमुक व्हात्सप्प नंबर पर विडियो भेज दे| अब इसमें जो कमेन्ट आये वो एक नयी बहस को जन्म दे गए| उन्होंने पोस्ट में लिखा कि जनता की समस्या- मनोज का मुद्दा| अब ये पोस्ट गले पड़ने वाली भी बन सकती है| मनोज अग्रवाल और उनकी पत्नी श्रीमती वत्सला अग्रवाल नगरपालिका की चेयरमेन है| पूरे जनपद की 20 लाख की आबादी का एक चौथाई लगभग 5 लाख की आबादी वाला नगर फर्रुखाबाद में समस्यायों की भरमार भी होगी| गर्मी का महीना शुरू हो गया, मच्छरों की आबादी बढ़ने का वक्त है, कितनी फागिंग चल पायेगी| जिला प्रशासन और नगर के कुछ मुख्य स्थानों को छोड़ फागिंग मशीन चलाने की गुंजाईश ही नहीं है पालिका के पास| बच्चो के एडमिशन का समय चल रहा है| एडमिशन के समय हर माँ बाप को बच्चो जन्म प्रमाण पत्र चाहिए| इसके लिए आपकी पालिका के कर्मचारी इतनी उलझने पैदा करते है कि बिना घूस के काम ही नहीं हो पाता| ऊपर से नगरपालिका के चक्कर लगाने के बिना काम होना लगभग नामुमकिन है|
तो कुल मिलकर कहने का लव्वोलबाब ये है कि सोशल मीडिया पर जनता की समस्या पूछने का आईडिया गले पड़ने वाला आईडिया बन सकता है| आखिर पिछले 10 साल तीनो ही काबिज रहे है| सांसदी के प्रमुख दावेदार मुकेश राजपूत, सलमान खुर्शीद और मनोज अग्रवाल किसी न किसी प्रकार से सत्ता में रहकर जनता की समस्या हल नहीं तो कर ही सकते थे|