फर्रुखाबाद:पतित पावनी गंगा रेती पर मेला श्रीराम नगरिया में संयम, अहिंसा, श्रद्धा एवं कायाशोधन का‘कल्पवास’माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही खत्म हो गया था और कल्पवासियों की घर वापसी शुरू हो गयी।गंगा की रेती पर बसे तंबुओं की अस्थायी नगर में कल्पवासी आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक माह का कल्पवास करता है। श्रद्धालु यहाँ एक महीने तक गंगा तट पर कल्पवास करते हुए जप, तप, ध्यान, साधना, यज्ञ एवं दान आदि विविध प्रकार के धार्मिक कृत्य करते हैं। बीते दिन पूर्णिमा के स्नान के साथ ही कल्पवास समाप्त हुआ तो श्रद्धालुओं का वापस जाना भी शुरू हो गया| स्नान के साथ ही कल्पवासियों की एक महीने की तपस्या भी पूरी हो गई। स्नान के बाद कथा सुनकर और दान-दक्षिणा देकर कल्पवासी अपने-अपने घरों को रवाना हुए। कल्पवास की शुरूआत पौष पूर्णिमा स्नान से हुई थी।
बुधवार तक अधिकतर कल्पवासी अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गये|