फर्रुखाबाद, 28 फरवरी: अपने नए फतवे में दारुल उलूम देवबंद ने बैंक से मकान खरीदने के लिए लोन लेने को हराम करार दे दिया है। फतवे में तर्क दिया गया है कि कोई भी कर्ज जिसमें ब्याज जुड़ा हुआ हो, जायज नहीं ठहराया जा सकता।
एक व्यक्ति ने दारुल उलूम के फतवा विभाग की वेबसाइट पर पूछा कि वह पांच हजार रुपये महीना किराया देता है। उसकी आमदनी 25 हजार रुपये महीना है। क्या वह बैंक से हाउस लोन लेकर मकान खरीद सकता है? जवाब में दारुल उलूम के मुफ्ती ने लिखा है कि ऐसा कोई भी कर्ज जिसमें ब्याज जुड़ा हो, हराम है इसलिए हाउस लोन भी जायज नहीं है।