नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी सोमवार को लोकसभा में देश का 80वां बजट पेश करेंगे। रेल बजट में लोगों को कुछ खास नहीं मिल पाने की वजह से आम बजट 2011 से भी लोगों की उम्मीदें फीकी पड़ती दिख रही हैं। ऐसे में अर्थशास्त्रियों के बजट पर पूर्वानुमान लोगों की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं। अनुमान है कि इस बजट में खाद्य सामग्री जहां सस्ती होगी, वहीं गृह ऋण, वाहन, पेट्रोल, शिक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, आदि महंगे होंगे।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार प्रणब मुखर्जी महंगाई से जूझ रही जनता के पेट पर लात नहीं मारेंगे, हां पेट भरने के बाद नींद जरूर उड़ा सकते हैं। इस बार गेंहू, दाल, चावल, तेल, चीनी, आदि के दाम कम किये जाने की पूरी उम्मीद है। लेकिन नींद उड़ाने के लिए पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में बढौत्तरी काफी है।
प्रणब मुखर्जी के बजट में होम लोन महंगे होने की बात आयी है, ऐसे में ब्याज दरें बढ़ने का मतलब जिन लोगों ने गृह ऋण, वाहन ऋण, आदि ले रखा है, उनकी जेब पर दबाव बढ़ सकता है। क्योंकि ब्याज दरें महंगे होने के कारण होमलोन की किश्त बढ़ सकती है। वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज घट सकता है।
विशेषों कीमानें तो प्रणब मुखर्जी इस बार आबकारी कर बढ़ाने के पूरे मूड में हैं, जिसके बाद शराब, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, गुटखा, आदि महंगे हो सकते हैं। यही नहीं वाहनों की बिक्री पर कर बढ़ाये जाने से कारें, मोटरसाइकिलें व स्कूटर महंगी हो सकती हैं। वहीं किसानों के लिए बड़े पैकेजों की घोषणा की प्रबल उम्मीदे हैं। वहीं नौकरी पेशे वालों के लिए भी विशष योजनाएं लायी जा सकती हैं। खबर है कि इस साल फिर से आयकर में छूट की सीमा बढ़ायी जाएगी।
रसोई गैस पर सब्सिडी के कारण सरकार को भारी घाटा हो रहा है, जिसे कम करने के लिए सरकार लंबे समय से मंथन कर रही है। माना जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी गरीबी रेखा के ऊपर वालों के लिए सब्सिडी खत्म करने की घोषणा इस बजट में कर सकते हैं। लेकिन अगर ऐसी घोषणा हुई, तो गैस के दाम 600 रुपए के पार पहुंच जाएंगे। उस स्थिति में कांग्रेस सरकार पर निश्चित रूप से लोग आग बबूला हो सकते हैं। लिहाजा ऐसा करने से पहले वित्तमंत्री को अन्य क्षेत्रों में दाम कम करने ही होंगे।