UP का हाल: रिपोर्ट के लिए कारगिल शहीद की २ माह से भटकती दलित विधवा

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फर्रुखाबाद: कारगिल शहीद की दलित विधवा गीता देवी कठेरिया बीते दो माह से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दर-दर भटक रही है| काफी परेशान हो जाने के कारण महिला का पुलिस से विश्वास उठ गया है|

२ माह से टरकाने का सिलसिला

कोतवाली फर्रुखाबाद के ग्राम नरायनपुर सेन्ट्रल जेल के निकट रहने वाली गीता देवी आज अपनी पुत्री कुमारी पूजा के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली पहुँची तो आज भी उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई| जब पूजा ने मोबाइल फोन से न्याय दिलाने की फ़रियाद की तो इंस्पेक्टर ने फिर कल आने की बात कहकर टरका दिया| इसी तरह आईटी आई चौकी प्रभारी अनेकों बार कार्रवाई का आश्वाशन देकर गुमराह कर चुके हैं|

लाखों के जेवरात चोरी

गीता के पति मलेटरी सिंह श्रीनगर में हवलदार पद पर तैनात थे जो कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे| ४ जनवरी की रात चोर उनके घर से अटैची उठा ले गए थे जिसमे मलेटरी सिंह के शहीद होने के प्रमाण पत्र, सेना मैडल, अशोक चक्र, पेंशन बुक, चेकबुक, बैनामे के कागजात आदि के अलावा १० हजार रुपये की नगदी व लाखों रुपये कीमती जेवरात थे|

डीएम एसपी से भी नहीं मिला न्याय

चोर जेवरात व नगदी ले गए थे तथा अशोक चक्र को क्षतिग्रस्त तथा अन्य कागजातों को फाड़कर फेंक गए थे| पीड़ित गीता ने बताया कि जब कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो वह ४ बार एसपी व एक बार डीएम से मिली| डीएम  व एसपी ने कोतवाली जाने को कहा कोतवाली के भी अनेकों चक्कर लगा चुकी हूँ लेकिन इधर-उधर टरकाया जा रहा है|

आर्थिक सहायता में रुकावट

पीड़ित महिला ने बताया कि बड़ी बेटी प्रीती व छोटी बेटी पूजा बीए द्वितीय वर्ष सिटी पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं| बड़ी बेटी की ११ मार्च को शादी तथा ७ मार्च को तिलक चढ़ना है| यदि रिपोर्ट दर्ज हो जाती तो मेरठ सेंटर से कारगिल शहीद फंड से प्रीती की शादी के लिए ५० हजार रुपये की सहायता मिल जाती| सेना अधिकारियों ने बिना रिपोर्ट से सहायता देने से साफ़ मना कर दिया है|

फोन पर दी जाती गालियाँ

पूजा ने बताया कि चोर मोबाइल फोन भी ले गए थे| जब  उस नंबर को डायल करते हैं तो फोन वाला गंदी गालिया बकता है| पीड़ित माँ बेटी चोरों द्वारा फाड़े गए कागजातों को देखते ही दुखी हो जाती हैं| उन्हें चोरी गए नगदी व जेवरातों की इतनी जरूरत नहीं है जितनी जरूरत प्रमाण पत्रों की चोरी होने की सूचना दर्ज होने की है जिससे उन्हें आर्थिक सहायता के साथ ही फाड़े गए प्रपत्रों की प्रतियां मिल सकें| काफी जलील होने के कारण वह अब मरने तक की बात करने लगी है|