फर्रुखाबाद,15 फरवरीः जनपद में मध्याह्न भोजन योजना की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विद्यालयों में कार्यरत 88 प्रतिशत रसोइयों के मानदेय का ही भुगतान नहीं किया गया है। स्कूलों में किचेन शेड के निर्माण के लिये आयी चार करोड़ 23 लाख रुपये की धनराशि अभी भी विभाग के खातों में डंप है। इससे भी ज्याद मजेदार यह है कि अब मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने संपूर्ण धनराशि एक सप्ताह में व्यय करने की चेतावनी दे दी है।
तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सागर पति त्रिपाठी और वर्तमान जिला समंवयक मध्याह्न भोजन नीलू मिश्रा की कार्यप्रणाली के चलते जनपद में मध्याह्न भोजन योजना की स्थिति खराब है। नौनिहालों को दोपहर का खाना नसीब नहीं हो पाता है। योजना के क्रियावयन की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विद्यालयों में कार्यरत गरीब रसोइयों के मानदेय तक के भुगतान में संबेदनहीनता का परिचय दिया गया है। प्राधिकरण से प्राप्त सात करोड़ 90 लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराये जाने के बावजूद मात्र 92 लाख रुपये का ही भुगतान किया गया है। जाहिर है कि जनपद के 88 प्रतिशत रसोइयों के भुगतान ही नहीं किया यगा है। उल्लेखनीय यह वह बेसिक शिक्षा विभाग से ग्राम प्रधानों के खातों में हस्तांतरण का आंकड़ा है। ग्राम प्रधानों ने कितने रसोइयों को भुगतान किया होगा इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल नहीं है।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो विद्यालयों में किचेनशेड के निर्माण की है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से जनपद को कुल चार करोड़ 23 लाख रुपये की धनराशि का बजट अवमुक्त किया गया था। परंतु वित्तीय वर्ष के 10 माह व्यतीत होने के बावजूद अभी तक एक भी किचेनशेड के निर्माण के लिये धनराशि भेजी नहीं गयी है।
सबसे मजेदार तथ्य यह है कि अब वित्तीय वर्ष के अंत में मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक के. राम मोहन राव ने अलग से पत्र लिख कर यह धनराशि एक सप्ताह में ब्यय कर सूचित करने के निर्देश दिये हैं।
योजना के लिये खाद्यान्न संकट की चेतावनी
इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से जनपद को खाद्यान्न भुगतान की मद में भेजे गये 3 करोड़ 92 लाख रुपये के बजट के सापेक्ष एफसीआई को भुगतानन मात्र 1 करोड़ 18 लाख का ही भुगतान हुआ है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अपर निदेशक संतोष कुमार ने इस स्थिति को खेद जनक बताते हुए भविष्य में जनपद में मध्याह्न भोजन योजना के लिये एफसीआई द्वारा खाद्यान्न की आपूर्ति बंद हो जाने की स्थिति में योजना के लिये संकट पैदा हो जाने की भी चेतावनी दी है।