फर्रुखाबाद: 10 फरवरी, शिक्षिका उमा यादव के अधिवक्ता पति द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने के बाद शिक्षकों और अधिवक्ताओ द्वारा किये गये बवाल के बाद अपर जिलाधिकारी द्वारा की गयी मजिस्ट्रेटी जाचं के परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं। जांच रिपोर्ट में बेसिक शिक्षा विभाग में हर स्तर पर घोटालों और अनियमिततओं का भंडार सामने आया है। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने शासन को उच्च स्तरीय जांच के लिये लिख दिया है।
विदित है कि विगत माह राजेपुर विकास खंड के ग्राम नया गांव में तैनात सहायक अध्यापिका उमा यादव के अधकारियों द्वारा उत्पीड़न से तंग आ कर उसके अधिवक्ता पति विनय कुमार सिंह ने कानपुर में आत्हत्या कर ली थी। इसके बाद शिक्षकों और अधिवक्ताओं ने कई दिनों तक कलक्ट्रेट में जम कर बवाल काटा था। जनाक्रोश को देखते हुए जिलाधिकारी मिनिस्ती एस ने अपर जिलाधिकारी से मजिस्ट्रटी जांच कराई थी। जांच के दौरान सैकड़ों शिक्षकों ने अपने बयान दर्ज कराये थे। जांच लगभग एक सप्ताह तक चली थी.
आखिर अपर जिलाधिकारी ने विगत सप्ताह जांच रिपोर्ट की कापी जिलाधिकारी को सौंप दी थी। अपर जिलाधिकारी सुशील चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जांच के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग हर स्तर पर घोटाला ही घोटाला नजर आया है। उन्होंने बताया कि अनियमिततओं और भ्रष्टाचार की भरमार को देखते हुए जिलाधिकारी ने इस संबंध में शासन को उच्च स्तरीय जांच की संसतुति भेज दी है।
ओवर हेड टैंक घोटाले में कार्रवाई का इंतजार
स्कूलों में शौचालयों पर ओवर हेड टैंक लगवाने के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारी राम सागर पति त्रिपाठी द्वारा किये गये घोटाले में जांच के बावजूद लोगों को अभी कार्वाई का इंतजार है।
विदित है कि श्री त्रिपाठी ने पंचायतराज विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों द्वारा लगवाये गये ओवरहेड टैंकों के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला कर लिया था। शिक्षक नेताओं द्वारा की गयी शिकायतों के आधार पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने जांच के आदेश दिये थे। जिलाविकास अधिकारी ने इस संबंध में जांच के बाद घोटाले के अतिरिक्त भी कई अनियमिततायें उजागर की थीं। जांच पूर्ण होने के लगभग छह माह बाद भी अभी शिकायतकर्ता शिक्षकों को घोटालेबाज बेसिक शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई का इंतजार है।