हर हाल में महंगी होगी मोबाइल कॉल, रहिये तैयार

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टेलीकॉम रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के सख्‍त नियमों के चलते मोबाइल फोन सेवाएं मुहैया कराने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को अब 2जी स्‍पेक्‍ट्रम की वर्तमान कीमत से छह गुना ज्‍यादा धनराशि देनी होगी। बाजार में बने रहने के लिए कंपनियां ये राशि देने के लिए तैयार भी हैं, लेकिन क्‍या आपको पता है, टेलीकॉम ऑपरेटर वो कीमत कहां से वसूलेंगे? आपकी जेब से! जी हां बहुत जल्‍द मोबाइल से कॉल करना महंगा हो जाएगा, जिसके लिए आप अभी से तैयार हो जाएं।

ट्राई द्वारा जारी स्‍पेक्‍ट्रम कीमतों की सूची में 6.2 मेगाहर्ट्ज के 2जी के पैन-इंडिया स्‍टार्टअप स्‍पेक्‍ट्रम की कीमत 1,658 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10,972.45 करोड़ रुपए कर दी गई है। यह कीमत वर्तमान से छह गुना अधिक है। आंकड़ों की मानें तो बीएसएनएल को अपनी मोबाइल सेवाओं के लिए इस बार 7276 करोड़ रुपए देने होंगे, जबकि भारती एयरटेल को 4000 करोड़, आईडिया सेलुलर को 1316 करोड़, वोडाफोन को 1743 करोड़, एमटीएनएल को 883 करोड़, एयरसेल को 841 करोड़ और रिलायंस कम्‍यूनिकेशन को 70 करोड़ रुपए स्‍पेक्‍ट्रम के लिए देने होंगे।

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्‍बल की मानें तो 4.4 मेगाहर्ट्ज के लिए लाइसेंस पहले ही दिए जा चुके हैं। यदि उन्‍हें 6.4 मेगाहर्ट्ज पर अपनी सेवाएं देनी हैं, तो उन्‍हें 1.8 हर्ट्ज की कीमत अलग से देनी होगी। नई कॉल दरें इसी 2011 में ही लागू भी कर दी जाएंगी।

बाजार विशेषज्ञों की मानें तो इस डील के बाद मोबाइल फोन पर 1 पैसा प्रति सेंकेंड, 30 पैसे, 50 पैसे और 70 पैसे प्रति मिनट की कॉल्‍स के दाम बढ़ कर एक रुपए से दो रुपए प्रति मिनट तक पहुंच सकते हैं। हालांकि उन कंपनियों की कॉल्‍स के दामों पर ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा जिनके उपभोक्‍ता ज्‍यादा होंगे। यानी जितने ज्‍यादा उपभोक्‍ता, उतनी सस्ती कॉल होगी। ऐसे में उपभोक्‍ताओं को नेटवर्क की समस्‍याओं का समना भी करना पड़ सकता है।