बांदा|| दिल्ली में इलाज की आस लेकर गए राजू को हालात ने इतना मजबूर कर दिया कि वह भीख मांगने को मजबूर हो गया है। कुछ लोगों ने उसे इतना मजबूर कर दिया कि उसकी स्थिति अर्धविक्षिप्त जैसी हो गई है। वह सही तरीके से कुछ भी बता पाने की हालत में भी नहीं है।
उत्तर प्रदेश के बांदा के रहने वाले राजू के गुर्दे में पथरी है। उसकी माली हालत भी बहुत खराब है। किसी तरह कुछ पैसों का इंतजाम करके वह यहां एम्स में इलाज कराने आया था। कुछ दिन एम्स में टहलने के बाद उसे निराशा ही हाथ लगी। उसके साथ किसी जानकार के न होने से वहां उसकी किसी ने नहीं सुनी। किसी ने उसे सफदरजंग अस्पताल जाने को कहा। सफदरजंग अस्पताल में वह एक डॉक्टर से मिला। वहां उसे देखने के बाद पेशाब के रास्ते पर नली लगा दी गई और उसे फिर आने को कहा गया। उसे ऑपरेशन की डेट भी नहीं मिली।
राजू के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह घर लौटकर दोबारा यहां आ सकता। दवा के लिए भी पैसे नहीं थे। हालत ऐसी हो गई कि वह सफदरजंग के पास ही बने अंडरपास पर भीख मांगने लगा। उसकी हालत का फायदा वहां कुछ लोगों ने उठाया। वे लोग उसे डरा धमका कर भीख में मिले पैसे लेने लगे। उसे खाने पीने भर को दे देते हैं, बाकी पैसे रख लेते हैं।
उसके मन में डर इतना बैठ गया है कि वह कुछ बोलने से भी डरता है। कुछ पूछने पर वह इधर उधर देखने लगता है कि कहीं वे लोग सुन तो नहीं रहे हैं। अंडरपास से गुजर रहे कुछ लोगों ने बताया कि कुछ लोगों ने गैंग बना रखा है, जो ऐसे ही लोगों के हालात का फायदा उठाते हैं। वे लोग इनसे बात करने पर लड़ने तक को तैयार हो जाते हैं।
सफदरजंग अस्पताल में बात करने पर एक कर्मचारी ने कहा कि ऐसे लोगों के साथ किसी अटेंडेंट के न होने से दिक्कत आती है। हम हर किसी का रिकॉर्ड खुद नहीं रख सकते।