लखनऊ|| उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में हुए बलात्कार कांड ने एक नया मोड़ ले लिया। बीते दिन अचानक एक रज्जू नाम के व्यक्ति की एंट्री हुई है, जो अपने आपको पीड़ित नाबालिग लड़की का पति बता रहा है। रज्जू को देख पुलिस भी चकरा गई है।
हुआ यूं कि विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी की पत्नी आशा देवी बीते दिन राजधानी के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठीं तो उनके साथ एक युवक भी दिखा, जो अपने आपको पीडि़त लड़की का पति बता रहा है। रज्जू को देख पुलिस भी चकरा गई।
धरना स्थल पर पहुंचे मीडिया से बातसीत में रज्जू ने दावा किया कि उसने पीडि़ता से एक मंदिर में शादी की थी, वो भी दो-तीन लोगों के सामने। उसने कहा, “मैं पीडि़ता का पति हूं और मुझे नहीं पता आखिर मेरी पत्नी ने सीबीसीआईडी को मेरे बारे में कुछ बताया क्यों नहीं। यही नहीं सीबीसीआईडी को कम से कम मुझसे पूछताछ तो करनी चाहिए थी।”
मीडिया ने जब पुरुषोत्तम द्विवेदी से जुड़े सवाल पूछे तो रज्जू की ज़बान लड़खड़ाने लगी और वो बाला विधायक निर्दोष हैं। हम आपको बता दें कि मीडिया से बातचीत के दौरान वो शादी की तिथि भी स्पष्ट ढंग से नहीं बता सका। यही नहीं वो शादी की फोटो भी मुहैया नहीं करा सका।
रज्जू के साथ धरने पर बैठी आशा देवी ने एक बार फिर अपने पति की वकालत करते हुए कहा, “मैं बहन जी (मायावती) से अपील करती हूं कि मुझे न्याय दिलाएं। मेरे पति निर्दोष हैं।”
अब सवाल यह उठता है कि अभी तक पुलिस या सीबीसीआईडी ने पीडि़त लड़की की उम्र को स्पष्ट क्यों नहीं किया है। अगर वो नाबालिग है, तो विधायक के अलावा रज्जू भी अपराधी है, क्योंकि नाबालिग से शादी करना भी कानूनन अपराध है।