फर्रुखाबाद : संत निरंकारी सत्संग भवन बढपुर में आयोजित साप्ताहिक सत्संग में कहा गया कि अहंकार का लक्षण है कि वह अपनी नजर में खुद के गुनाहों पर परदा डाले रहता है।
सत्संग में श्रधालुओ को सत्संग का सार समझाते हुये महात्मा रामनिवास अवस्थी ने कहा कि व्यक्ति की महानता का एक मात्र पैमाना भगवान के प्रति आस्था ही है। लेकिन अहंकार व्यक्ति को भगवान के समीप आने नही देता| लेकिन सत्संग के सहारे हम अहंकार को त्याग कर भगवान के मार्ग पर चल सकते है| अहंकार का लक्षण है कि वह अपनी नजर में खुद के गुनाहों पर परदा डाले रहता है। गुरु के चरणों से अधिक पावन कोई तीर्थस्थल नहीं होता। मानव जीवन को सार्थक करने के लिए सद्गुरु का सत्संग आवश्यक है।
इस दौरान सत्संग में सेवादल संचालक मुकेश बाबू ने व्यवस्था संभाली व स्वाति, दशरथ, रामनरेश, श्रवण आदि सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद रहे|