दिल्ली: किसी जांच में 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित जमा राशि और संपत्ति के सामने आने पर आयकर अधिकारी अब पिछले दस साल के आयकर रिटर्न की पड़ताल कर सकते हैं. सरकार के इस कदम को कालेधन पर लगाम लगाने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बता दें कि इस समय बीते छह साल तक के रिटर्न की जांच पड़ताल की जा सकती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश आम बजट 2017-18 में जांच पड़ताल की अवधि बढ़ाकर 10 साल करने का प्रस्ताव किया है.
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने यहां बजट बाद की एक संगोष्ठी में कहा कि हमने अब यह कहा है कि अगर किसी जांच में हमें 50 लाख रुपए से अधिक मूल्य की अघोषित संपत्ति या आय मिलती है जो कि चार साल से अधिक पुरानी हो तो हम उसके पिछले 10 साल तक के रिकॉर्ड खंगालेंगे.
वित्त विधेयक 2017 के अनुसार आयकर कानून में इस आशय का संशोधन एक अप्रैल 2017 से प्रभावी हो जाएगा. इसका मतलब यह है कि कर अधिकारी किसी निर्धारित्री के 2007 तक के रिटर्न की जांच पड़ताल कर सकते हैं.
हालांकि, पुराने कर रिटर्न की जांच पड़ताल केवल उन्हीं मामलों में की जाएगी जिनमें जांच या तलाशी अभियान में 50 लाख रुपए से अधिक मूल्य की अघोषित संपत्ति का पता चलता है.