क्या आप आने वाली परीक्षा को लेकर चिंतित हैं? अपने संबंधों को लेकर व्यथित हैं? तो घबराइए मत। उठाइए एक डायरी और उतार दीजिए अपनी परेशानी। यह साधारण तरीका है तनाव की स्थिति से निजात पाकर प्रदर्शन में इजाफा करने का।
शिकागो विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि परेशानी को लिखने की आदत दिमाग में शांति लाती है और व्यक्ति अपने काम में मन लगा सकता है। उन्होंने कहा कि यह तरीका इतना कारगर है कि छात्रों ने बैठने से पहले यह तरीका अपनाया तो उनके अंकों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया।
टेलीग्राफ ने अध्ययन के नेता प्रोफेसर सिआन बेलोक के हवाले से कहा कि चिंताओं को लिख डालने से वह दूर होती हैं। उन्होंने कहा कि तनावपूर्ण स्थिति वर्किंग मेमोरी के नाम से जानी जाने वाली दिमाग की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। यह स्मृति एक तरह से दिमागी नोटपैड है, जो लोगों को उनके काम से संबंधित सूचना देती है। यह नोटपैड लेकिन चिंताओं से भी भर सकता है, जिससे दिमाग की स्मरण शक्ति घटती है। इसलिए जरूरी है कि अपनी चिंताओं को आप लिख डालें और दिमाग को खाली कर दें।
अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने कॉलेज के 20 छात्रों को चुना और गणित की दो परीक्षाएं ली। दूसरी परीक्षा से पहले कुछ कहकर तनाव की स्थिति पैदा की गई। आधे छात्रों से अपनी चिंता लिखने को कहा गया, जबकि दूसरों से उतने समय खाली बैठने को कहा गया। जिन लोगों ने अपनी चिंताएं लिखी उनके अंकों में बढोत्तरी पाई गई। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि चिंतित छात्रों ने जब अपनी परेशानी लिखी तो वे अन्य के साथ परीक्षा देते वक्त आत्मविश्वास से भरपूर नजर आए।