भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को मध्यावधि चुनाव की आहट सुनाई पड़ रही है.
उन्होंने सम्भावना जताई है कि देश में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार रहना चाहिए.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को घेरने के साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को अपनी छवि सुधारने की नसीहत दी ताकि कोई उन पर ऊंगली न उठाए.
पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के अंतिम दिन अपने समापन सम्बोधन में आडवाणी ने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि वर्ष-2010 स्वतंत्र भारत के इतिहास का निर्णायक मोड़ साबित होगा.
हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भ्रष्टाचार व घोटालों के मुद्दों पर खुद को केंद्रित करते हुए 2014 के चुनाव में जाएं और उसे जीतना लक्ष्य बनाएं.
उन्होंने कहा कि वैसे तो लोकसभा चुनाव 2014 में होने हैं लेकिन देश में जिस तरह के राजनीतिक हालात हैं उससे लगता है कि कभी भी देश में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं.
आडवाणी ने कहा, हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपनी छवि साफ-सुथरी रखने की है ताकि हम जनता के बीच उनका समर्थन मांगने जाएं तो कोई हम पर ऊंगली ने उठाए.
बाद में कार्यकारिणी के समापन पर आयोजित एक रैली को सम्बोधित करते हुए आडवाणी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर जमकर हमले किए।
आडवाणी ने कहा, सोनिया के इतालवी व्यवसायी ओत्तावियो क्वोत्रोच्चि से करीबी सम्बंध थे.
उसका सोनिया के घर आना जाना था.
मैं हालांकि किसी पर कोई आरोप नहीं लगा रहा लेकिन देश की जनता को यह जानने का हक है क्योंकि बोफोर्स प्रकरण से देश की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई है.
उन्होंने कहा कि बोफोर्स मामले में क्वोत्रोच्चि ने दलाली ली, इसे आयकर न्यायाधिकरण भी कह चुका है, जबकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है.
आडवाणी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील करते हैं कि वे या तो इसका विरोध करें या फिर इस मामले की आगे जांच कराएं.
विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर भी आडवाणी ने कांग्रेस पर जमकर हमला.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने असम की कांग्रेस सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया.