अनलॉक 5.0: चरणबद्ध तरीके से 15 अक्टूबर के बाद खोले जा सकेंगे शैक्षणिक संस्थान

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लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमण में केंद्रीय गृह मंत्रालय पर संस्तुति पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अनलॉक के पांचवें चरण की गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश में 15 अक्टूबर के बाद से सभी स्कूल तथा शिक्षण संस्थान के खोले जाने की मंजूरी शामिल है।उत्तरप्रदेश के लिए शासन ने गुरुवार को अनलॉक के पांचवें चरण की गाइडलाइंस कर दी है। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने अनलॉक-5.0 के लिए आज अपनी नई गाइडलाइन की। जिसके तहत प्रदेश में सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान 15 अक्टूबर के बाद चरणबद्ध तरीके से खोले जा सकेंगे। शासन ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में स्कूल प्रबंधन अब जिला प्रशासन से विचार-विमर्श कर खोल स्कूल सकेंगे।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के सभी मंडलों के कमिश्नर के साथ जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों को भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने 30 सितंबर को कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वहीं खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए युवा कल्याण खेल मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से जारी किए गए मानकों के मुताबिक 15 अक्टूबर 2020 से स्वीमिंग पूल भी खोले जाने की अनुमति होगी। इनके अलावा कंटेनमेंट जोंस के बाहर सिनेमा हॉल थिएटर मल्टीप्लेक्स को निर्धारित दर्शकों को बैठने की क्षमता से अधिकतम 50 प्रतिशत लोगों के बैठेने की अनुमति है। इस आदेश के बाद दुर्गा पूजा के आयोजन में को भी अनुमति मिलेगी, जिसमें 100 से ज्यादा लोग शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में 50 प्रतिशत दर्शकों के साथ सिनेमाघर तथा मल्टीप्लेक्स भी खुलेंगे। अब खेल की गतिविधियों को भी गति मिलेगी। तरणताल भी खोले जाएंगे।
कंटेनमेंट जोन से बाहर शैक्षणिक कार्य के लिए सभी स्कूल और कोचिंग संस्थान 15 अक्टूबर के बाद चरणबद्ध तरीके से खोले जा सकेंगे। निर्णय स्कूल/संस्थान के प्रबंधन से विचार-विमर्श कर और स्थिति का आंकलन कर जिला प्रशासन लेगा। इसमें ऑनलाइन शिक्षा के लिए अनुमति जारी रहेगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा और इस व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां पर स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं और कुछ छात्र भौतिक रूप से कक्षा में शामिल होने की बजाए ऑनलाइन ही इच्छुक हैं, उन्हें इसकी अनुमति दी जा सकती है। छात्र संबंधित स्कूल में माता-पिता की लिखित सहमति से ही उपस्थित हो सकते हैं। स्कूल में छात्रों की उपस्थिति बिना माता-पिता की सहमति के अनिवार्य नहीं कराई जा सकती। यह माता-पिता की सहमति पर निर्भर करेगा।
स्कूल को खोलने के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा सावधानियों के संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा एसओपी स्कूल, शिक्ष एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के एसओपी के आधार पर स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जारी की जाएगी। जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, उनको अनिवार्य रूप से शिक्षा विभाग के जारी एसओपी का अनुपालन कराना होगा। इन प्रावधानों के अधीन सार्वजनिक पुस्तकालयों को खोलन की अनुमति भी मिलेगी। इसके अलावा महाविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के खोलने के समय का निर्धारण उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारतय सरकार केसाथ भारत सरकार की सहमति और वर्तमान स्थिति का आंकलन करते हुए किया जाएगा। इनमें भी ऑनलाइन क्लासेज को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें स्वैच्छिक रूप से क्लास में शामिल होने वाले बच्चों को अनुमति दी जा सकती है। अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद बच्चे से स्कूल जा सकते हैं।