
फर्रुखाबाद: रोशनी के पर्व दीपावली को लेकर बाजार खरीददारों से गुलजार है। जगह-जगह लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों व मिटटी के दियों की दुकाने सजकर तैयार है। पर्व को लेकर बच्चों से लेकर युवाओं में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है। लेकिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों व पटाखों के दाम आसमान पर चल रहे है|
घरों की रंगाई पुताई का काम युद्वस्तर पर जारी है। साफ-सफाई के साथ घरों व दुकानों को चमकाने के लिये सभी में होड मची है। दीपावली पर्व में अब महज एक दिन का समय शेष बचा है। यही वजह है कि बाजारों में रौनक लौट आई है। जगह जगह लक्ष्मी गणेश की मूर्तिया व मिटटी के दियों की दुकाने सजकर तैयार है। जिनकी बिक्री भी जोर पर हो रही है| अबकी बाजार में विभिन्न प्रकार की मूर्तिया बाजार में उतारी गई है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।हालांकि पिछले वर्षो की अपेक्षा इस बार दाम मंहगे हैं। मिटटी के दियों का पर्व में अधिक महत्व है। कुछ भी हो लेकिन पर्व को लेकर लोगों में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है।
रोशनी के पर्व पर लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है। इसकों लेकर पूजा सामग्री की खरीददारी तेज हो गई है। बाजार में लोगों की भारी भीड देखी जा रही है। लक्ष्मीगणेश की चायनीज मूर्तियों की भी जमकर बिक्री हो रही है। घरों व मकानों को चमकाने का काम भी युद्वस्तर पर जारी है। पेंट व डिस्टेम्पर की दुकानों में लोगो की भारी भीड देखी जा रही है। इसकों लेकर विद्यालयों में पंजीयन का काम भी शुरू कर दिया गया है। दीपावली को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी तैयारियां की जा रही है।
खूब सजी पटाखों की दुकानें
शहर में विभिन्य निर्धारित स्थानो पर दीपावली को लेकर पटाखों की दुकाने सजी है| एक दर्जन से अधिक दुकानदारों द्वारा फतेहगढ़ के नवदिया में दुकाने लगाये है। इसके अलावा क्रिश्चियन कालेज मैदान, कादरी गेट सहित कई महत्व पूर्ण जगहों पर दुकाने लगाई गयी है| ग्राहकों की मांग को देखते हुये अबकी नये प्रकार की आतिशबाजी मंगाई गई है। हालांकि इनके दाम अधिक है लेकिन युवा पटाखा, राकेट आदि की जमकर खरीददारी कर रहे है।
अभिभावक भी बच्चों को पर्व के लिये फुलझडी आदि दिला रहे है। जिला प्रशासन द्वारा लाइसेंस धारकों को पटाखा की दुकाने सजाने का लाइसेंस दिया है। तीन वर्ष पूर्व तक यह दुकाने मुख्य बाजार में ही सजाई जाती थी लेकिन किसी बडे हादसे की आशंका को लेकर जिला प्रशासन ने इन दुकानों को एकांत स्थान पर लगाये जाने का निर्णय लिया था तब से पटााखों की दुकाने शहर के बाहर लगाई जा रही है।



फर्रुखाबाद: (दीपक शुक्ला) यूं तो दीपावली को दीपों का त्योहार कहा गया है. किंतु यह पुरानी कहावत अब महज एक औपचारिकता बन कर रह गयी है. क्योंकि दीपावली में पूजा घर के अलावे अन्य किसी स्थानों पर दीपक शायद ही जलता दिखता है. आधुनिकता के दौर में लोग अपनी संस्कृति को भूल कर पश्चिमी सभ्यता की ओर भाग रहे हैं. जिसके कारण अब दीपावली में दीपक के जगह लोग चाइनीज बल्वों को अधिक महत्व देने लगे हैं. खासकर शहरों में इसका प्रचलन व्यापक पैमाने पर होने लगा है.
चाइनीज बल्वों व् झालरों की रोशनी में धीरे-धीरे दीपक का प्रकाश धीमा ही होते चला जा रहा है. पूजा की वस्तु बन कर रह गया दीया पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के चौदह वर्षों के वनवास से वापस लौटने पर अयोध्या नगरी को दीपक से दुलहन की तरह सजाया गया था| जिसके बाद से हर वर्ष लोग इस दिन को दीपावली त्योहार के रूप में मनाने लगे| किंतु समय के साथ-साथ कई परिवर्तन हुए|आज दीपक के जगह चाइनीज बल्वों का उपयोग भी इसी परिवर्तन की एक कड़ी है.
किंतु इस परिवर्तन ने हमारी संस्कृति को गहरा आघात पहुंचाया है| जिसके कारण दीया आज हमारे घरों में महज पूजा की एक वस्तु बन कर रह गयी है| दीपावली में अब दीये का उपयोग मुख्य रूप से पूजा के दौरान ही होते पाया जाता है| हाथों से छिना रोजगारदीपावली में दीये का प्रयोग कम हो जाने से न सिर्फ हमारी संस्कृति पर आघात हुआ है| बल्कि इससे दीये के रोजगार पर भी गहरा असर पड़ा है| पहले देखा जाता था कि दीपावली आने के दो-तीन माह पूर्व से ही कुम्हार समुदाय दीपक तैयार करने में लग जाते थे| त्योहार के मौके पर वे दीये की बिक्री कर अच्छी- खासी कमाई भी कर लेते थे|
किंतु चाइनिज के चकाचौंध में दीये का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है| चाइनीज बल्वों व झालरों का बढ़ा डिमांड दुर्गापूजा खत्म होते ही बाजारों में चाइनिज बल्बों का डिमांड काफी बढ़ गया है| दीपावली त्योहार पर चाइनिज व एलइडी बल्बों के डिमांड को लेकर विभिन्न इलेक्ट्रोनिक दुकानों में पहले से ही रंग- बिरंगे झालर मंगाये गये हैं. जिसमें सबसे अधिक चाइनिज लरी व डीजे लाइट की बिक्री हो रही है.
फर्रुखाबाद: सेन्ट्रल जेल में बंद कैदी ने अपनी हत्या कर दिए जाने के संबंध में उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत की है| जिसमे उसने जेलर व उप जेलर पर भी गम्भीर आरोप जड़े है|
जेल में बंद कैदी रामनरायन गुप्ता पुत्र बालूराम गुप्ता निवासी अतर्रा बाँदा ने अधिकारियो को लिखित शिकायत में कहा है कि उसे जेल में हत्या किये जाने का खतरा है| उसके लिखे गये पत्र में कहा है कि उसके रिश्तेदार उपजेलर अंजनी कुमार गुप्ता पूर्व में सेन्ट्रल जेल में तैनात थे| उनके ऊपर एक कैदी ने गलत आरोप लगाकर दबाब बनाने की कोशिश की थी| यह बात उसे जेल के कुछ लोगो के द्वारा मालूम पड़ी थी| जिस कारण उसकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है| उसने बताया कि वह नैनी सेन्ट्रल जेल से में आजीवन कैद की सजा काट रहा था| जिसके बाद उस पर झूठा आरोप लगाकर उसे सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया| फतेहगढ़ जेल के जेलर व उप जेलर ने उसको जमकर पिटवाया और कैदियों के द्वारा प्रताड़ित किया| जा रहा है| कैदी ने अपने मुंह में भी समस्या होने की बात कही है|
जेलर सुनीत कुमार सिंह ने बताया कि कैदी नैनी जेल से तबादले पर सेन्ट्रल जेल आया है| इसी लिये वह इस तरह के गलत आरोप लगाकर नैनी जेल जाने का प्रयास कर रहा है|
नई दिल्ली:दाऊद इब्राहिम को पालने वाले ही उसकी मौत प्लान कर रहे हैं। खुफिया विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई दाऊद से पिंड छुड़ाना चाहती है। इसके लिए वो कभी भी उसे ठिकाने लगा सकती है।
भारतीय खुफिया सर्विस के एक एजेंट ड्यूटी को इस्लामाबाद से 20 किलोमीटर आगे एक खास मकान की ओर जाना था। भोभन हिल का ये इलाका इस्लामाबाद-मूरी रोड पर था। उसे एक खास घर की निगरानी करनी थी। ये घर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का सेफ हाउस था। यहां रह रहा था भारत का अपराधी, 1993 के मुंबई सीरिलय ब्लास्ट का मुजरिम, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम।
इस स्पॉटर यानि किसी खास इंसान की निगरानी करने वाले एजेंट ने इस घर पर नजरें गड़ा लीं थीं। अचानक घर से गाड़ियों का काफिला निकला। उनमें से एक गाड़ी में दाऊद इब्राहिम था। उसे आईएसआई के उस सेफ हाउस से बाहर ले जाया जा रहा था। भारतीय स्पॉटर ने बताया कि पाकिस्तान में दाऊद के लिए ऐसे कम से कम 9 ठिकाने हैं। वो वक्त और जरूरत के हिसाब से वहां बसता रहा है। अगले दो महीनों तक एक नहीं ऐसे कई स्पॉटर्स ने इस खास घर की निगरानी की। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक इन जासूसों ने चौंकाने वाली जानकारियां दीं।
अखबार का दावा है कि भारतीय एजेंसियों ने इस घर की निगरानी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। बताया गया है कि भारतीय स्पॉटर्स ने दो महीने तक इस घर की तरफ जाने वाली सड़क पर नजर रखी। घर के मुख्य दरवाजे की चौबीसो घंटे निगरानी की गई। घर में आने-जाने वाली गाड़ियों के नंबर नोट किए गए। घर में रहने वाले या काम करने वाले हर इंसान के टेलीफोन नंबर और मोबाइल नंबर निकाले गए। घर की रखवाली में कितने गार्ड्स तैनात हैं, ये देखा गया। घर की बाउंड्री की ऊंचाई कितनी है, ये भी आंका गया।
अखबार का दावा है कि भारत में बैठी एक विशेष टीम सारे फोन कॉल्स सुन रही थी। बातचीत सुनते हुए इस टीम के कान खड़े हो गए। उन्हें लग गया कि दाऊद इब्राहिम के बुरे दिन आने वाले हैं। दाऊद अब पाकिस्तान का मेहमान नहीं बल्कि आईएसआई का कैदी है। करीब बीस साल तक उसकी रखवाली के बाद अब उसे ठिकाने लगाया जा सकता है, क्योंकि पाकिस्तानियों को डर है कि अगर दाऊद जिंदा भारत के हाथ लग गया तो पाकिस्तान आतंकवादी मुल्क के ठप्पे से बच न पाएगा।
कहा जा रहा है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद से ही दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में दिन बदलने लगे। छोटा राजन के भारत लाए जाने के बाद दाऊद के सिर पर मौत मंडराने लगी है। उसे अब तक सरपरस्ती देने वाले हाथ ही उसकी गर्दन पर कसने लगे हैं। क्योंकि अब पाकिस्तान को ये लगने लगा है कि छोटा राजन की मदद से दाऊद की पाकिस्तान में मौजूदगी साबित करने में भारत को ज्यादा देर नहीं लगेगी। अगर ऐसा हो गया तो पाकिस्तान न सिर्फ अमेरिका बल्कि संयुक्त राष्ट्र की नजरों से भी बच नहीं सकेगा। दोनों के लिए दाऊद इब्राहिम एक घोषित आतंकवादी है जिसके सिर पर ईनाम भी है।
अखबार के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बात का पूरा अंदेशा है कि आईएसआई दाउद इब्राहिम को मार दे और इस मौत को सामान्य मौत की शक्ल दे, हत्या का अंदेशा तक न हो। दाऊद पर नजर रख रहे एक सूत्र ने अखबार को बताया कि पाकिस्तान से इंटरसेप्ट की गई फोन कॉल्स से पता चल रहा है कि वो शायद दाऊद को ठिकाने लगा दें, क्योंकि उसे बचाए रखने के चक्कर में पूरी दुनिया के सामने उसकी कलई खुल सकती है। इसके अलावा अब आईएसआई को दाउद की और जरूरत भी नहीं बची। दाउद इब्राहिम अब पाकिस्तान के लिए बोझ बन चुका है।
फर्रुखाबाद: सांसद मुकेश राजपूत ने जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार सिंह से मांग की है कि दीपावली को देखते हुये वह बिजली व्यवस्था दुरुस्त कराये जाने की व्यवस्था करे| इसके साथ ही साथ उन्होंने जिलापंचायत सदस्य के चुनाव में सपा पर फर्जीबाड़े से चुनाव जीतने का आरोप जड़ा|
अपने आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि उनके पास अभी तकरीबन चार जिला पंचायत सदस्य है| वह किसी अच्छे प्रत्याशी को समर्थन देगे| लेकिन यदि कोई सपा का प्रत्याशी आता है तो उसके विपक्ष में बैठेगे| उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेताओ द्वारा चुनाव में जमकर फर्जीबाड़े का आरोप जड़ा| उन्होने कहा कि सपा ने राजेपुर में मतदान के दौरान भी जमकर फर्जीबाड़ा किया और मतगणना के दौरान भी मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आने पर अधिकारियो की मिली भगत के चलते जमकर फर्जीबाड़ा किया गया| सांसद ने कहा कि पहली बार जनपद में अधिकारी इतने दबाब में दिखे की आरो तक बदले गये|
उन्होंने दीपावली के त्योहार को देखते हुये जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार से कहा है कि वह जनपद कि बिधुत व्यवस्था दुरुस्त कराये| इसके साथ ही साथ पुलिस त्योहार को देखते हुये बाइक चेकिंग में भी सिथिलता बरते| केबल संदिग्ध व्यक्ति को चेक करे| जिलामहामंत्री विमल कटियार मौजूद रहे|
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