फर्रुखाबाद: वैसे जनपद में लगभग 2 सैकड़ा परिषदीय शिक्षक ऐसे है जो बच्चो को स्कूल में पढ़ाने के अलावा बाकी सभी काम करते है| सभी काम में उच्च और जिलास्तरीय शिक्षाधिकारियो के लिए वसूली भी शामिल है| ये शिक्षक बड़ी ही बेशर्मी से अपने कर्तव्यो पर कर रहे कामचोरी की सफाई देते है| समय से वेतन न मिल पाये तो सरकार के खिलाफ धरना पर्दर्शन कर प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति हड़ताल करके उत्पन्न करने में नहीं चूकते| ये शिक्षक जनता की गाढ़ी कमाई से मिलने वाले वेतन के अलावा ऊपरी कमाई के चक्कर में जरुरत से ज्यादा सक्रिय और मेहनत करते नजर आते है केवल बच्चो को स्कूल में पढ़ाने के सिवाय| नेताओ के आगे पीछे घूम उनकी चमचागिरी करना और विभागीय कार्यवाही का डंडा पड़ने पर नेताओ से पैरवी करा कभी जिलाधिकारी तो कभी बेसिक शिक्षा अधिकारी पर दबाब बनबाते है| मगर फिर भी ये वेतन के बदले बच्चो को नहीं पढ़ाते| ये सरकार बदलते ही सत्तादल के साथ खड़े नजर आते है| जिसकी सरकार होती है उसी की रैली में इनका चेहरा आसानी से देखा जा सकता है|
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ताजा मामला शनिवार को फतेहगढ़ के सहकारी बैंक के आम सभा की बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर आये प्रदेश के काबिना मंत्री शिवपाल सिंह यादव की सभा का है| मंच पर दो दो कैबिनेट मंत्री, जिलाधिकारी सहित जनता की भविष्य में सुख सुवधाओं का वादा कर वोट की चाहत रखने वाले विधायक और सपा प्रत्याशी भी थे| कई विभागो के मंत्री और प्रदेश सरकार में कद्दावर चेहरा शिवपाल सिंह यादव सभा में अधिकारियो को फटकार रहे थे| उन्हें भ्रष्टाचार से दूर रह कर जनता का काम करने का प्रवचन दे रहे थे| शिवपाल सिंह यादव में जिलाधिकारी पवन कुमार की भी तारीफ की- कहा अच्छे अफसर है| शिवपाल सिंह यादव कह रहे थे कि लोकसभा चुनाव के बाद भ्रष्टाचार करने वालो पर शिकंजा कसा जायेगा मंच के सामने सभा में मौजूद स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक आपस में बात कर रहे थे- “लोकसभा चुनाव तक छूट है”|
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देखना यह है कि इस खबर को पड़ने के बाद किस जिलास्तरीय अफसर की अंतरात्मा जगती है और शिवपाल सिंह के इरादो पर चलती है या फिर उनकी कही बात को प्रवचन मान वहीँ छोड़ आती है| इसमें से एक मास्टर के बारे में सचित्र खबर पहले भी छपी थी तब शायद उस मास्टर ने 50000/- रुपये से अफसरो का मुह बंद कर दिया था|